मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम एवं मिशन इन्द्रधनुष 4.0 का शुभारंभ

फाईलेरिया से बचाव हेतु जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर उपायुक्त ने किया रवाना

एस. पी. सक्सेना/देवघर (झारखंड)। दीनबंधु मीडिल स्कूल सभागार में 7 मार्च को देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district Deputy Commissioner Manjunath Bhajantri) की अध्यक्षता में फाईलेरिया से बचाव हेतु मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम एवं मिशन इन्द्रधनुष 4.0 का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर उपायुक्त, सिविल सर्जन (Sivil Surgeon), जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी एवं विद्यालय के प्राचार्य सहित सभी शिक्षक, कर्मचारियों व स्कूल की छात्राओं ने कृमिनाशक एलवेंडाजोल की गोली खाकर देवघर को फाईलेरिया मुक्त जिला बनाने हेतु प्रेरित किया।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि फाईलेरिया से बचाव हेतु जिले में 7 से 12 मार्च तक लगभग 16 लाख लोगों को अभियान के तहत एलवेंडाजोल दवाई खिलाई जानी है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से बचाव हेतु सबसे महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार की गोली को चबाकर खाना है। इसे खाने के क्या-क्या लाभ है।

उन्होंने स्कूली छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि हमारे शरीर के अंदर बहुत सारे जीवाणु, विषाणु, प्रोटोजोआ आदि निवास करते हैं। इनमें से कुछ हमारे शरीर के लिए लाभदायक है। कुछ ऐसे भी हैं जिससे हमारे शरीर को हानि पहुँचती हैं। हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम उसे चिन्ह्ति कर उसका नाश करें, ताकि हमारे शरीर की रक्षा हानिकारक जीवाणुओं से हो सकें।

इसके लिए हम तरह-तरह के औषधियों का सेवन भी करते हैं। इसी प्रकार कृमि संक्रमण भारत के लिए जनस्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण विषय है। बच्चों में यह सर्वाधिक होता है। जिससे बच्चों के शारीरिक विकास, पोषण और ज्ञान संबंधी विकास के साथ-साथ विद्यालय की उपस्थिति पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

इसकी रोकथाम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को निश्चित समयांतराल पर कृमि नाशक दवाई का सेवन करायी जानी चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने फाईलेरिया उन्मूलन के लिए दी जा रही दवा का सेवन करने का आग्रह जिलावासियों से किया। उन्होंने जानकारी दी कि देवघर जिला के कुल 2161 बूथों पर फाईलेरियारोधी दवा खिलाई जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खा सके।

आज के बाद 8 से 12 मार्च तक स्वास्थ्य कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका व सहियाओं द्वारा घर-घर जाकर फाईलेरिया मुक्त जिला बनाने के उदेश्य से दवाई खिलाई जायेगी।

उपायुक्त ने फाईलेरिया से बचाव हेतु मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम एवं मिशन इन्द्रधनुष 4.0 के सफल संचालन हेतु हस्ताक्षर अभियान एवं फाईलेरिया से बचाव हेतु जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया, ताकि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जा सके।

इस दौरान मौके पर उपस्थित सिविल सर्जन डॉ सीके शाही द्वारा जानकारी दी गयी कि कार्यक्रम के तहत दो वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा की खुराक खिलाई जाती है। यदि यह दवा सामुदाय द्वारा लगातार कम से कम पांच वर्ष तक की आयु को दिया जाय तो मानव सामुदाय से फाइलेरिया पारासाइट का खात्मा हो सकता है।

उन्होंने बताया की यह दवा दो वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिला और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं देनी है। उक्त दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है। वहीं फाइलेरिया उन्मूलन के उद्देश्य से जिला अंतर्गत एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बुथ कार्यक्रम एवं घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी।

जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार द्वारा जानकारी दी गयी कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मन का निवास होता है। मिशन इन्द्रधनुष 4.0 एवं फाईलेरिया मुक्त समाज बनाने की दिशा में सभी के सहयोग की आवश्यकता है। हम सभी को जागरूकता से इस बीमारी को दूर भगाना है।

उन्होंने कहा कि पहले हाथी पावं की बीमारी को गंभीर बीमारी माना जाता था। हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसी दवा का अविष्कार किया है कि गोली का सेवन करने से इसके परजीवी हमारे पास ही नहीं फटक पाते है। सभी फाईलेरियारोधी दवाओं का सेवन करते हुए दूसरों को भी एल्वेंडाजोल की गोली खाने हेतु प्रेरित करें।

इस दौरान उपरोक्त के अलावे दिनबंधु मीडिल स्कूल के प्राचार्य, युनीसेफ की प्रतिनिधि दिव्यांजली, स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ डॉ गणेश, डॉ रवि रंजन, डीपीएम जेएसएलपीएस निशिकांत नीरज, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी, डीपीएम स्वास्थ्य विभाग नीरज भगत एवं संबंधित विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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