जंगली जानवरों की रक्षा के लिए याद किए जाते रहेंगे स्व. बिष्टु दत्ता-आलोक

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में बड़ाजामदा रहिवासी समाजसेवी आलोक दत्ता क्षेत्र में जाना माना चेहरा है। उन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर के विंटेज कार और बाइक रैली में भाग ले चुके अनुभवी कार चालक आलोक दत्ता ने 29 मार्च को साक्षात्कार में अपने कार चलाने के अनुभव की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1920 से लेकर 1985 तक की विंटेज और क्लासिक कार रेस उनके लिए सुखद आनन्द रहा। उन्होंने बताया कि उन्होने अंग्रेजो के जमाने के तीन पुरानी जीप अपने गैरेज में रखा है।
तीनों कार की मरम्मती व रिपेयरिंग लगातार की जाती है।

उन्होंने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय बिष्टु दत्ता वर्ष 1950 तक अंग्रेजों के जमाने से चर्चित शिकारी व् समाजसेवी थे। क्षेत्र के रहिवासियों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उस वर्ष जंगली तेंदुआ का शिकार किया था। सारंडा के बड़ाजामदा क्षेत्र के सुखचैन इन्टरप्राइजेज के क्षेत्र में बाघमारा नामक चर्चित स्थान में शेर का शिकार किया।

बताया कि वहाँ निरंतर जंगली शेर ट्रेनों के हरी झण्डी दिखाने वाले लाईनमैन की हत्या कर दिया करता था। घाटकुरी जंगलो में मिलने वाले खतरनाक जानवरों से बचाने के लिए बड़ाजामदा क्षेत्र के रहिवासी सदैव उनके पास आकर आत्मरक्षा की गुहार लगाते थे।

परिणामस्वरूप आमजनों की रक्षा के लिए मानव प्रहरी के रूप में सदैव सारंडा के वीरान जंगलों से निकलकर आक्रमण करने वाले जानवरों से उनकी रक्षा किया करते थे। उन्होंने बताया कि उनके स्व. पिता कुशल शिकारी के साथ साथ वन्य जीव रक्षक व् प्रेमी भी थे।

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