खलनायिकी व चरित अभिनेता बतौर स्मरणीय छाप छोड़ गए
प्रहरी संवाददाता/पेटरवार(बोकारो)। भारतीय फिल्मोधोग के जानेमाने एवं मशहूर कलाकार ‘प्राण’ आज हमलोगों के बीच भले ही नही रहे,पर उनकी 101वीं जन्मदिवस पर उनकी यादें ताजा हो गयी। 12 फरवरी 1920 में जन्में व 93 वर्ष की आयु में वे 12 जुलाई 2013 को हमसब से जुदा तो हो गए। अपनी अभिनय की अदायगी से यादगार छाप छोड़ गए हैं।
प्राण को सीने-दर्शक अपने दिल मे हमेशा संजोये रखेंगे। बता दें,प्राण ने 1940 में फ़िल्म ‘यमलाजट’ से कैरियर की शुरुआत किया था। 1940 से 47 तक वे कई फिल्मों में बतौर नायक अभिनय किया। 1942 से 91 तक खलनायक तथा 1948 से 2007 तक विभिन फिल्मों में चरित्र अभिनेता अभिनय किया। 1958 में मधुमती, 1960 में ‘जिस देश मे गंगा बहती है, 1965 में शहीद, 1967 में ‘उपकार, 1969 में आंसू बन गए फूल, 1970 में फ़िल्म जॉनी मेरा नाम, 1972 में’ ‘विक्टोरिया नम्बर 203, एवं बेईमान, 1973 में जंजीर, 1977 में ‘अमर अकबर एंथनी व चांदी और सोना, 1978 में ‘डॉन’ के अलावे फिल्म ‘दुनियां, जानदार, कातिलाना, धर्मा, गंवार, गोपी, कब क्यूँ और कहां, खानदान, राम और श्याम, नन्हे फरिस्ते, धर्म अधिकारी, मजबूर, कसौटी, अंधा कानून, शनम बेवफा, शराबी, सन्यासी, दस नम्बरी आदि फिल्मों में किये गए भूमिका को भुलाया नही जा सकता। प्राण के और भी बहुत फिल्में हैं जिनमे उनकी भूमिका सराहनीय है। फ़िल्म उपकार के लँगड़े मलंग के देश व समाज प्रेम को भुलाया नही जा सकता।
इनके जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें विनम्र याद करते हुए ‘मेघदूत रेडियो लिशनर्स क्लब बेरमो (Meghdut Redio lishanars club bermo) के सदस्यों ने उन्हें शत शत नमन किया। बेरमो से उपाध्यक्ष अजित कुमार जायसवाल, उमेश घायल, अनिल पाल, निमाय सिंह चौहान, रामाधार विश्वकर्मा, रांची से नौशाद परवाना, लुधियाना से अध्यक्ष मंजीत कुमार छबड़ा, वीनू छबड़ा, नैनु छबड़ा, महाराष्ट्र से सुनैना, गुजरात से चांदनी पटेल, लखनऊ से योगेश आदि ने उन्हें याद किया।
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