संकट मोचन मंदिर में पांच दिवसीय राष्ट्र रक्षा रुद्राक्ष महायज्ञ की पूर्णाहुति
प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड के सबलपुर में मही नदी किनारे स्थित संकट मोचन मंदिर परिसर में चल रहे पांच दिवसीय राष्ट्र रक्षा रुद्राक्ष महायज्ञ की विधिवत पूर्णाहुति की गयी। महायज्ञ के अंतिम दिन 3 अप्रैल को विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्रीगजेंद्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज ने कहा कि भारत देवो की भूमि है, इसलिए इस भूमि पर केवल उन्हीं को रहने का अधिकार है, जिन्हें देवी देवताओं में आस्था और विश्वास है।
इस मौके पर सभी संतों ने एक स्वर से सनातन हिंदू धर्म की सुरक्षा व् संरक्षा का सामूहिक संकल्प लेने के साथ हिंदू समाज को सतत जागरुक रहते हुए एकता के सूत्र में बंधे रहने का संदेश दिया।
महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर आयोजित विराट संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज ने कहा कि भारत देवों की भूमि है इसलिए इस भूमि पर केवल उन्हीं को रहने का अधिकार है जिन्हें देवी देवताओं में आस्था और विश्वास है। उन्होंने धर्मांतरण को समाप्त करने की जरूरत पर बल देते हुए इसे देश के लिए कैंसर बताया।
अखिल भारतीय धर्म संघ के अध्यक्ष महंत रामशंकर शास्त्री ने भारत को संतों का देश बताते हुए कहा कि धर्मांतरण पर संतों को कठोर निर्णय लेना चाहिये। बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने कहा कि सोनपुर के आस पास सबलपुर, शिकारपुर आदि में हिंदुओं को कमज़ोर करने की साजिश रची जा रही है।
आप सबो का यह सौभाग्य है कि आप भारत की भूमि पर जन्म लिए है। इसलिए सब का कर्तव्य बनता है कि अपने धर्म को बचाने का भी कार्य करें। धर्म जागरण के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार सिंह ने कहा कि भारत का कण – कण में सनातन विचार व्याप्त है। इसलिए सनातन को बचाना सनातनियों का परम कर्तव्य है। इसलिए ईसा मूसा से देश को मुक्त करना होगा। इसके लिए जो कार्य सम्भव हो हर सनातनी को करना चाहिए
पांच दिवसीय राष्ट्र रक्षा रुद्राक्ष महायज्ञ की हुई पूर्णाहुति
संत सम्मेलन से पूर्व 3 अप्रैल को वैदिक विधि विधान के साथ राष्ट्र रक्षा रुद्राक्ष महायज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आचार्य श्याम सुंदर महाराज के नेतृत्व में रुद्राभिषेक किया। रुद्राक्ष से निर्मित शिव लिंग का रूद्राभिषेक 56 भोग से शुरू किया गया। आज के मुख्य यजमान गया के विधान पार्षद जीवन सिंह थे। रुद्राभिषेक में उपस्थित समस्त भक्तजनों को रुद्राक्ष की वेदी बनाकर पूजन शुरू कराया गया। भक्तों ने विभिन प्रकार के स्वनिर्मित व्यंजनों, वस्त्र और प्रसाद से 5 लाख 51 हज़ार रुद्राक्ष से बने शिव लिंग को भेंट किया। हर हर महादेव के मंत्रोचार और ॐ नमो शिवाय के उदघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा।
इस अवसर पर आचार्य ने कहा कि भगवान में आस्था, श्रद्धा और विश्वास रखने वाले के घर मे कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। महायज्ञ की समाप्ति के बाद सभी भक्तों को रुद्राक्ष भेंट किया गया। इसके बाद भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। सम्मेलन उपरांत 15000 श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप महाप्रसाद भोजन कराया गया।
महायज्ञ पूर्णाहुति कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्र कार्यालय के प्रमुख देवेंद्र, प्रान्त प्रचार प्रमुख राजेश तिवारी, कार्यक्रम संयोजक संजय कुमार सिंह, धर्म जागरण के प्रांत संयोजक डॉ अवधेश कुमार, आरोग्य भारती के जिला सह सचिव सुबोध कुमार, अरुण सिन्हा, भाजपा के आशुतोष कुमार, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष विनोद सम्राट, जिला संयोजक यशवन्त कुमार, आदि।
अभिषेक श्रीवास्तव, मिलन कुमार, उमेश कुमार, केदार राय, विनोद राय, अजित कुमार, रविदास, इंद्रपाल, पशुराम, राजेश कुमार, प्रवीण कुमार, अजित कुमार, अनिल कुमार, संजीत कुमार, श्याम बाबू, संतोष कुमार, योगेंद्र उपाध्याय, सुशील अग्रवाल, अजय कुमार, नीरज कुमार, संजीव कुमार आदि सैकड़ों संत और कार्यकर्तागण उपस्थित थे।
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