एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के कई श्रमिक प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के करगली वाशरी रिजेक्ट कोल और स्लरी स्टॉक की जांच की मांग करने की बात कही है।
नाम न छापने के शर्त पर श्रमिक प्रतिनिधियों ने बताया कि करगली कोलियरी के एक नंबर बंद खदान और तीन नंबर कॉलोनी हीरक रोड के पास कोल स्टॉक मे कई दशक पहले रखे लगभग 10 हजार टन रिजेक्ट कोल और स्लरी स्टॉक बताया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रबंधन के मिली भगत से काफी मात्रा में रिजेक्ट कोल और स्लरी कालाबाजारी में बेच दिया गया है। बताया गया कि पूर्व में जेएमएस रिजिनल सचिव स्वर्गीय सूर्यनाथ सिंह ने इस संबंध में पत्राचार कर वर्ष 2012 में जांच कराने की मांग की थी। जांच में क्षेत्र के तत्कालीन महाप्रबंधक सहित कई कर्मी को सजा दी गई थी।
कुछ आज तक बर्खास्त है। लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी पिछले कुछ वर्षों से रिजेक्ट कोल और स्लरी की लूट का सिलसिला जारी है। अधिकारी और कालाबाजारी करने वाले मालामाल हो रहे हैं।
बताया जाता है कि तब स्वर्गीय सूर्यनाथ सिंह के पत्र पर एक्शन हुआ था। पांच वर्ष के बाद 3 महीने पहले रिजल्ट कोल का ई- ऑक्सन के तहत सेल चालू किया गया है। इसमें भी कई तरह की अनियमितता बरतने की बात कही जा रही है।
जहां तक 10 हजार टन रिजेक्ट कोल और स्लरी स्टॉक की है तो करगली वाशरी पीओ वी. एन. पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। लेकिन कारो साइडिंग बनाने के लिए करगली बंद खदान को भरने के लिए रोड बनाने में रिजेक्ट कोल और स्लरी को बर्बाद किया जा रहा है। बीएंडके प्रबंधन मूक दर्शन बना हुआ है।
पूछताछ करने पर करगली के परियोजना पदाधिकारी अरविंद शर्मा ने बताया कि बंद एक नंबर खदान को बोल्डर भरकर लेवल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रास्ता बनाने में रिजेक्ट और स्लरी कोल को रास्ता बनाने मे भरने नहीं करने दिया जाएगा।
इसी तरह करगली गेट स्थित स्लरी पौंड मे रखे हजारों टन स्लरी के उपर बोल्डर गिराकर बर्बाद कर दिया गया। यूनियन प्रतिनिधि ने कहा कि करगली के बंद एक नंबर खदान के समीप रखे स्लरी और रिजेक्ट कोल तथा सिगारबेड़ा बालू बैंकर स्थित रिजेक्ट कोल स्टॉक की भौतिक सत्यापन आवश्यक है। इसके लिए वे शीघ्र ही इस संबंध मे देश के प्रधानमंत्री को पत्र भेजने का निर्णय लिया है।
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