दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सड़क पर उतरे श्रमिक संगठन

घंटो किया सड़क जाम, ट्रांसपोर्टिग रहा बाधित

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा द्वारा आहूत 28-29 मार्च को देश व्यापी हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में बेरमो चार नंबर स्थित अब्दुल हमीद चौक के समक्ष सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस तथा एक्टू के कार्यकर्ता व नेताओं ने सड़क जाम कर यातायात ठप कर दिया। जाम से सीसीएल (CCL) का ट्रांसपोर्टिग काफी हद तक बाधित रहा।

जिसे दोपहर लगभग 12 बजे हटा लिया गया। मौके पर सीटू नेता भागीरथ शर्मा ने कहा कि बेरमो कोयलांचल श्रमिक वर्ग ने दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक समर्थन देकर मोदी सरकार (Modi Government) की मेगा सेल, सरकारी परिसंपत्ति को औने पौने दामो में कार्पोरेट के हाथो बेचने की नीति सहित चार लेवर कोड के विरोध में अपने गुस्से का इजहार किया है।

इंटक नेता श्यामल सरकार, सुबोध सिंह पवार, एटक के सुजीत कुमार घोस, एचएमएस के ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह, सीटू के विजय भोई, मनोज पासवान ने दो दिवसीय हड़ताल को सफल बताया। इस अवसर पर यहां पंकज महतो, कुणाल कुमार, टेकामन यादव, श्यामनारायण सतनामी, सुनील शर्मा, समीर सेन, भोला रजक, फागू, सुरेश प्रसाद, सुरेश शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

एक अन्य जानकारी के अनुसार संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को कथारा क्षेत्र में शांतिपूर्ण बंद रहा। ट्रांसपोर्टिंग और डिस्पैच पूरी तरह से प्रभावित रहा, जिसके कारण क्षेत्रीय एवं परियोजना प्रबंधन परेशान दिखे।

दूसरे दिन सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह परियोजना खुली खदान के मुख्य गेट के समीप यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराया गया। बंद समर्थक जनता मजदूर संघ के क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद ने कहा कि श्रमिक वर्ग ने दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक समर्थन देकर मोदी सरकार को चार लेबर कोर्ट के विरोध में अपने गुस्से का इजहार किया है।

इस बंदी से बेतहाशा महंगाई पर सरकार को सोचना होगा। जिस तरह से कोल इंडिया के 160 कोयला खदान को बेचने का काम केंद्र सरकार द्वारा की जा रही थी, उस पर भी उन्हें सोचना होगा।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएमपीएफ (CMPF) का 13 सौ करोड़ रुपया जो दूसरे कंपनी को लोन दिया गया था, वह कंपनी अपने आप को दिवालिया घोषित कर मात्र सरकार को ₹500 करोड़ ही वापस किया है और मजदूर के कमाया हुआ पैसा 700 करोड़ का गबन हो गया।

कोल इंडिया प्रबंधन को जेबीसीसीआई 11वां वेज बोर्ड का फैसला जल्द से जल्द करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ यूनियन द्वारा प्रबंधन का साथ दिया गया वह मोदी सरकार के साथ दे रहे थे। कामोद के अनुसार जारंगडीह माइंस की स्थिति भी दयनीय है। वहां भी डंपर और मशीनरी की आवश्यकता है।

इस बंदी में डिस्पैच को चालू करने को लेकर जारंगडीह के परियोजना पदाधिकारी नवल किशोर दुबे, महाप्रबंधक कार्यालय के उप कार्मिक प्रबंधक गुरु प्रसाद मंडल, साइडिंग मैनेजर देवेंद्र कुमार, जारंगडीह के कार्मिक प्रबंधक सुभाष चंद्र पासवान, सिक्योरिटी से सहायक अवर निरीक्षक महामाया पासवान और मनोज सुंडी आदि यूनियन प्रतिनिधियों से अनुरोध करते रहे, किंतु यूनियन के प्रतिनिधि टस से मस नहीं हुए।

इस मौके पर सीटू से श्याम बिहारी सिंह दिनकर, मोहम्मद निजाम अंसारी, एक्टू से बाल गोविंद मंडल, जमसं से अरविंद कुमार ओझा, नंदकिशोर, अजय साव, काला थापा, पप्पू सिंह, इंटक से लखन रजवार, प्रदीप कुमार, मुकेश भुइया, गणेश कमार, रीतलाल महतो, अरुण चौधरी, गणपति डोम, निखिल मिश्रा, रामेश्वर चौधरी, धनेश्वर यादव, हेमलाल गोप, मयंक मुखर्जी सहित कई लोग उपस्थित थे।

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