ईश्वरी बाबू नेता ही नहीं अभिभावक भी थे-वेदव्यास चौबे
पूज्य पिता से मिला प्रेरणा जीवन की सबसे बड़ी पूंजी-अजय सिंह
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। श्रमिक नेता व प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय ईश्वरी प्रसाद सिंह की 32वीं पुण्यतिथि समारोह 27 मई को उनके पुत्र अजय कुमार सिंह के बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में कथारा चार नंबर स्थित आवासीय कार्यालय में आयोजित किया गया। यहां उपस्थित गणमान्य लोगों ने स्वर्गीय ईश्वरी प्रसाद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्रमिक नेता वेदव्यास चौबे ने कहा कि ईश्वरी बाबू की कीर्ति अमर है। उनके द्वारा किए गए कार्यों का लोग अनुसरण करते रहे हैं। उनकी कार्य प्रणाली ऐसी थी जिसके सभी लोग कायल थे। वे अपने मन की बात, मन के उदागर लोगों के बीच बेहिचक रखते थे। उनकी सादगी जीवन सभी को प्रभावित करती थी।
श्रमिक नेता चौबे ने कहा कि स्वर्गीय सिंह उनके बड़े भाई समान थे। उनका आशीर्वाद हमेशा हम लोगों के साथ था। कथारा क्षेत्र में ट्रेड यूनियन करने वाले लोग उन्हें अपना अभिभावक मानते थे।
मजदूरों के संघर्ष में अग्रणी भूमिका का निर्वाह कर हमेशा मजदूरों के सुख-दु:ख में हाथ बताते थे। सहज विश्वास नहीं होता कि आज उनके निधन के 32 वर्ष हो गए। प्रतिदिन क्षेत्र में मजदूरों के जुबान पर स्वर्गीय ईश्वरी बाबू का नाम होता है।
संबोधित करते हुए स्व सिंह के पुत्र अजय कुमार सिंह ने कहा कि मुझे पिता के द्वारा मिला संस्कार जीवन का सबसे बड़ा पूंजी है। आज ऐसे पिता का पुत्र होने पर उन्हें गर्व महसूस होता है। पिता के आशीर्वाद से उनके द्वारा दी हुई शक्ति से आज सेवा भाव के लिए कदम आगे बढ़ते हैं। हमेशा मेरे पिता मेरे जीवन में प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी लोगों के लिए आगे बढ़कर साथ निभाना उनके पिता की प्रवृत्ति थी। अगर थोड़ा भी वह गुण प्राप्त हो सके ऐसा प्रयास करने की चेष्टा होती है। उन्होंने कहा कि पिता के अधूरे सपने को साकार कर सकूं पुण्यतिथि के अवसर पर यही आशीर्वाद की कामना करता हूँ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से स्व सिंह के पुत्र वधू अर्चना सिंह, पौत्र अमन आकाश, पौत्री आकांक्षा सिंह, पंडित रवि पांडेय, युवा कांग्रेस के विजय यादव, पत्रकार पवन कुमार सिंह, वार्ड सदस्य रीता देवी के अलावा धनेश्वर यादव, अर्जुन करमाली सहित अन्य गणमान्य शामिल थे।
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