चुनौतियों के बाद चुनाव की तैयारी में कुंभार

बैगनवाड़ी की जनता ने माना अपना नेता

मुश्ताक खान /मुंबई। ईशान्य मुंबई के लोकप्रिय समाजसेवक वसंत कुंभार (Vasant Kumbhar) पर इन दिनों स्थानीय नागरीकों का दबाव बढ़ता जा रहा है। शिवाजीनगर स्थित बैगनवाडी की जनता का कहना है कि यहां का नगरसेवक न होते हुए भी वसंत कुंभार ने कोरोनाकाल में लॉक डाउन के दौरान एक कर्मठ विधायक की भूमिका निभाई है।

इस लिहाज से यहां की जनता अब उन्हें अपने प्रतिनिधि के तौर पर देखना चाहती है। इस सिलसिले में यहां की जनता ने एक कार्यक्रम के दौरान सीधे मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष अशोक भाई जगताप से रू ब रू होते हुए उन्हें सांकेतिक संदेश दिया है। वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि वसंत नामदेव कुंभार के सामाजिक कार्यो को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा।

इस सिलसिले में संवाददाता द्वारा बैगनवाडी परीसर के अलावा मनपा और राशनिंग विभाग में उनके बारे में जानने की कोशिश की गई, तो पता चला की वसंत कुंभार इस वार्ड के मूल नागरीक हैं और समाजसेवा के नाम पर उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किये हैं। बताया जाता है कि 1999 में शिवाजीनगर (Shivaji Nagar) में एक कार्यक्रम के दौरान कुंभार की मुलाकात कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं शिक्षामंत्री प्रोफेसर जावेद खान से हुई थी। प्रो. खान के भाषण से प्रभावित होकर कुंभार समाजसेवक के तौर पर उभरे और काम करना शुरू किया।

Vasant Kumbhar

इस प्रकार उन्हें क्षेत्र में ख्याति मिलती गई, लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। मौजूदा समय में वसंत कुंभार बैगनवाडी में अपना विशेष मुकाम रखते हैं। हालांकि सामाजिक कार्यो के दौरान उन्होंने आम जनता के लिए कभी मनपा के खिलाफ मोर्चा निकाला तो कभी राशनिंग विभाग की मनमानियों पर अंकुश लगाया। एक के बाद एक चुनौतियों का सामने करने वाले समाजसेवक कुंभार अब भी सामाजिक कार्यो में काफी दिलचस्बी रखते हैं,वो किसी काम से कतराते नहीं है।

कुंभार के सामाजिक कार्यो में सबसे अहम देवनार कब्रिस्तान का नुतनीकरण, पेयजल संकट से लोगों को उबारना, लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों में कच्चा अनाज व पका हुआ खाना वितरण करना और गरीब व असहाय छात्रों की मदद करना आदि शामिल है।

करीब 70 वषीय बैगनवाडी निवासी आशा ताई सोनसरिया ने बताया की पिछले साल लॉक डाउन के समय अगर वसंत कुंभार मदद नहीं करते तो, शायद मैं इस संसार में नहीं होती। क्योंकि दवा तो दूर की बात है हमें अनाज देने वाला कोई नहीं था।

इसी तरह करीब 68 वर्षीय शमीमा अंसारी का कहना है कि वसंत कुंभार की वजह से बैगनवाडी का मनपा स्कूल नंबर दो बन पाया, जहां अब इस इलाके के बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने कहा पहले यह स्कूल भूत बंगला जैसी हालत में था। साधारण परिवार के कुंभार वर्ष 2001 में निर्दलीय उम्मीदवर के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। करीब 22 उम्मीदवारों में वे पांचवे स्थान पर थे। आगामी मनपा चुनाव में भी कुंभार अपनी तकदीर आजमाने वाले हैं। एक सवाल के जवाब में वसंत कुंभार ने कहा की पार्टी के आला कमान और जनता ने चाहा तो मैं चुनाव लड़ूंगा।

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