एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के राजबंशी नगर में 29 अप्रैल को किसमें कितना है दम नाटक का मंचन किया गया। प्रस्तुत नाटक किसमें कितना है दम में सभी कलाकारों ने अपने किरदार को जीवंत बना दिया।
उक्त जानकारी देते हुए कलाकार साझा संघ के सचिव, चर्चित टीवी कलाकार तथा उक्त नाटक के निर्देशक मनीष महीवाल ने बताया कि ऊर्जा ऑडिटोरियम में बिहार मिलेट्स कॉन्फ्रेंस एवं एक्सपो में लोक पंच की प्रस्तुति नाटक किसमें कितना है दम में लेखक ने दर्शकों के बीच नया विषय से रु-ब-रु कराया है।
महीवाल ने बताया कि नाटक किसमें कितना है दम के कथासार के अनुसार आज बाजारवाद और रसायानिक युग में मनुष्य अपने स्वास्थ को लेकर बहुत हीं गंभीर हैं। अपने आहार में पोष्टीकता को बनाये रखने के लिए तरह- तरह के खाद पदार्थ जो बाजार में उपलब्ध है, उसे प्रयोग में लाते है। फिर भी वे स्वस्थ नहीं रह पाते।
दरअसल उन्हें मालूम ही नहीं है कि किस खाद पदार्थ में क्या और कितने मात्रा में न्यूट्रेशन है। इसी विषय पर लोक पंच के कलाकारों ने नाटक किसमें कितना है दम के माध्यम से आमजनों को स्वस्थ और पोष्टीक खाद -पदार्थ के बारे में बताया है।
महीवाल के अनुसार इस नाटक के माध्यम से कलाकारों ने बताया है कि हमारे पूर्वज मिलेटस जैसे बाजरा, मडुआ, क्रिओनी, चीना, कुटकी, सामा आदि अन्न उगाते थे, जो न्युट्रेशन प्रोटीन, काब्रोहाइड्रेड आदि से भरपूर रहता था। जिसके कारण वे आज के अपेक्षा अधिक स्वस्थ रहते थे। आज हमें फिर से उन अनाजों को उगाने की आवश्यकता है।
इसके लिए उत्पादन के साथ-साथ उपभोक्ता को भी जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास में लगी है कि मिलेटस खाद्य पदार्थों की खेती अधिक से अधिक हो, पर जब तक आम जनता आगे नहीं बढ़ेगी ये कार्य आसान नहीं होगा।
प्रस्तुत नाटक के मुख्य किरदारों में कलाकार रजनीश पांडेय, प्रियंका सिंह, कुणाल कुमार, अरविन्द कुमार, अनिशा, रजनीश, अभिषेक राज, राम प्रवेश, शिशिर, एवं मनीष महिवाल हैं, जबकि प्रॉपर्टी मिताली, मेकअप प्रियंका, कॉस्टयूम रितिका, प्रस्तुति नियंत्रक रजनीश पांडेय, लेखक इश्तियाक अहमद तथा निर्देशक मनीष महिवाल स्वयं हैं।
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