भंग बाजार समितियों को पुनर्बहाल करे नीतीश सरकार-सुरेन्द्र
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। डीएपी, पोटाश, एनपीके, यूरिया समेत अन्य खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर 7 दिसंबर को किसानों ने समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर के समीप एनएच (NH) का चक्का जाम कर प्रशासन एवं सरकार (Administration and Government) के किसान विरोधी रवैये का जमकर विरोध किया।
अखिल भारतीय किसान महासभा से जुड़े बड़ी संख्या में किसानों ने ताजपुर स्थित गांधी चौक के पास एकत्रित होकर अपने- अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर जुलूस निकाला। जुलूस नारा लगाते हुए बाजार क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद गांधी चौक स्थित नेशनल हाईवे-28 को जाम कर दिया।
जाम से सड़क के दोनों ओर गाड़ियों का तांता लग गया। जाम स्थल पर सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता राजदेव प्रसाद सिंह ने किया।
वहीं आसिफ होदा, नौशाद तौहीदी, मो. अबु बकर, शंकर सिंह, मनोज कुमार सिंह, बासुदेव राय, ललन दास, श्याम दास, जवाहर सिंह, बखेरी सिंह, मकसुदन सिंह, कैलाश सिंह, मो. गुलाब, उपेंद्र शर्मा, राम सकल राय, अब्दुल रहमान, मो. सज्जाद आदि ने सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि ताजपुर प्रखंड में 16 नवंबर को 40 टन एवं 3 दिसंबर को 65 टन डीएपी आबंटित किया गया है। अधिक पैसा लेकर प्रखंड के बाहर के किसानों को खाद दिया जा रहा है, लेकिन प्रखंड के किसान खाद के बगैर परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि डीएपी, पोटाश, एनपीके, यूरिया समेत अन्य रासायनिक खाद का भयंकर कालाबाजारी जारी है। मोदी सरकार जो कृषि कानून 2020 में लेकर आई, नीतीश सरकार 2006 में वहीं कानून लाकर बाजार समितियों को भंग कर किसानों के रही- सही कमर तोड़ दी है।
धान-गेहूं सरकार खरीदने का ढ़ोंग रचती है, लेकिन अनाज में नमी सीमा एवं खाता- खेसरा की अनिवार्यता लागू कर खरीदने से इनकार कर देती है। ऐसे में किसान विरोधी नीतीश एवं मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है। किसान महासभा गोलबंद संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेगी।
माले नेता ने कहा कि प्रखंड को आबंटित खाद अन्य जिलों के खाद माफिया के हाथों उंचे दर पर बेच दिया जाता है। यहाँ के किसान खाद के इंतजार में टकटकी लगाये रह जाते हैं।
उन्होंने कृषि अधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि खाद संकट का हल 4-5 दिनों के अंदर नहीं किया गया तो अनिश्चित काल के लिए नेशनल हाईवे जाम आंदोलन चलाया जाएगा।
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