किसान महासभा प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से की नहर परियोजना समीक्षा की मांग

नहर निर्माण स्थल पर 26 दिन से जारी धरना स्थगित कर किसानों को गोलबंद करेगी महासभा

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। तिरहुत गंडक नहर परियोजना में व्याप्त खामियों की समीक्षा कर योजना को रद्द करने समेत अन्य मांगों को लेकर 26 अप्रैल को किसान महासभा एवं भाकपा माले का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह से भेंट की।

प्रतिनिधिमंडल ने तिरहुत नहर परियोजना की खामियों मसलन जमीन की खरीद- बिक्री होने, रसीद कटने, मालगुजारी देने, मुआवजा राशि देने में विसंगति दूर करने, जमीन पर कब्रिस्तान, स्कूल बने होने आदि मुद्दे को जिलाधिकारी के समक्ष रखा।

इस अवसर पर जिला समाहरणालय परिसर में मीडिया से एक भेंट में नेताओं ने कहा कि इस योजना में व्याप्त गड़बड़ियों को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व० कर्पूरी ठाकुर ने इसे महमदपुर कोठी के पास रोककर बुढ़ी गंडक में मिलवा दिया था। नेताओं ने कहा कि परियोजना की जमीन भीठ है। बगल से जमुआरी समेत अन्य नदी गुजरती है। इसकी उड़ाही कर इस योजना को उसमें समाहित किया जा सकता है।

प्रतिनिधिमंडल में किसान महासभा के संयोजक ललन कुमार, माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राम कुमार, अमित कुमार, किसान नेता दिनेश कुमार, मनीष कुमार, किशोर कुमार राय, मो. रहमानी, राम ललित सिंह, बासुदेव सिंह, लालबाबु राय, वेद प्रकाश सिंह आदि उपस्थित थे।

मौके पर भाकपा माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने कहा कि माले किसानों के शोषण के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से राय लेने के बाद घोषणा किया कि कुबौली राम के मिल्की में नहर निर्माण स्थल पर जारी धरना अधिकारी से वार्ता के बाद तत्काल स्थगित करते हुए किसानों के बीच बैठक, जनसंपर्क अभियान चलाने का आह्वान कार्यकर्ताओं से किया। उन्होंने कहा कि जरुरी होने पर किसान अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

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