एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना से दो सौ किलोमीटर की दुरी पर स्थित पश्चिमी चंपारण जिला के हद में राम नगर में 27 सितंबर की संध्या कातिल खेत नाटक का मंचन किया गया।
दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव के पहले दिन लोक पंच की प्रस्तुति कातिल खेत नाटक का लुफ्त उठाने के लिए आसपास के सैकड़ो शहरी व् ग्रामीण रहिवासियों की भारी भीड़ देखी गयी।
सुप्रसिद्ध टीवी कलाकार तथा फिल्मी अभिनेता मनीष महिवाल के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक कातिल खेत में खेती और किसान पर लालच के कारण आए संकट को दिखाया गया है।
उक्त जानकारी देते हुए नाटक के मुख्य कलाकार मनीष महीवाल ने बताया कि अधिक और बेहतर फसल के लोभ में आज के किसान रासयनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं, जो एक और खेतों को बंजर बना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अनाज भी इसके प्रभाव से विषैला बन रहा है।
खाने के बाद यह मनुष्य के शरीर में तमाम किस्म की बीमारियों को उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने बताया कि कथाक्रम में एक किसान को एक जिन्न मिलता है, जो उसे खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की सलाह देता है, जिससे उपज कई गुना बढ़ जाती है। लालच में किसान जिन्न की बात तो मान लेता है, पर उसकी जमीन बंजर हो जाती है। उसके पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं होते और अंततः वह आत्महत्या कर लेता है।
इश्तियाक अहमद द्वारा लिखित इस नाटक में इन्हीं पहलुओं को सहज-सरल तरीक से गीत संगीत और हास्य व्यंग्य के जरिए रोचक बनाने की कोशिश की गयी है।
महीवाल ने बताया कि नाटक “क़ातिल खेत” के माध्यम से दिखाया गया कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है। थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है। एक दिन किसान को हल जोतते समय उसके खेत से एक चिराग निकलता है। वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन्न निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो।
In pmउपज 5 गुना होगा और एक बार में एक फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा। पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है। किसान लालचवश अपनी पत्नी की बात नहीं मानता है। वो कर्जा, पईचा, लोन लेकर खेती शुरू करता है। बार-बार कर्ज लेता है, पर समय पर चुका नहीं पाता है। मजबूरन अपने सारे फसल अपनी जमीन से उसे हांथ धोना पड़ता है। अंत में हारकर वह आत्महत्या कर लेता है।
प्रस्तुत नाटक में किसान मनीष महिवाल तथा उसकी पत्नी की भूमिका बीना गुप्ता ने निभाई है। नाटक में जिन्न गुलशन कुमार बने हैं।
बाइल की भूमिका में कृष्णा देव तथा चंदन कुमार, ग्रामीण का किरदार अरबिंद कुमार, मुखिया अभिषेक, खान का किरदार चंदन कुमार जबकि मुंशी अभिषेक राज बने हैं। वहीं महिला प्रियंका सिंह, ग्रामीण अभिषेक आदि ने भी अपने किरदार से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
महीवाल के अनुसार प्रस्तुत नाटक में संगीत अभिषेक राज, प्रकाश राम प्रवेश, महोत्सव प्रभारी संजय सिन्हा,
प्रॉपर्टी कृष्ण देव, मेकअप रोज सिंह, कार्ड नीरू कुमारी, परिवहन अभिषेक बिहारी, फोल्डर अभिजीत चक्रवर्ती, मंच व्यवस्था रजनीश पांडेय, वस्त्र विन्यास रितिका ने दिए।
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