खुदीबेड़ा व् हिसीम बाल विवाह मुक्त गांव घोषित

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड का दो गांव हिसीम और खुदीबेडा को 29 नवंबर को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित किया गया। इस अवसर पर प्रखंड कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर दोनों गांवों को प्रखंड स्तरीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बाल विवाह मुक्त गांव घोषित किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित तमाम जनों ने बाल विवाह गांव में नही होने देने का संकल्प लेते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई व पूरे समाज के कलंक को मिटाने के लिए सभी रहिवासियों को एकजुट होना होगा।

कार्यक्रम में कसमार बीडीओ व बाल निषेध पदाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि बाल विवाह वह अपराध है, जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। आम नागरिक, स्वयंसेवी संस्था, समाज और सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त गांव बनाने के प्रति दिखाई जा रही प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही ऐसे माहोल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त होगा। बीस सूत्री अध्यक्ष दिलीप कुमार हेब्रम ने कहा कि जागरूकता से ही बाल विवाह की रोकथाम होगी।

कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन व सहयोगिनी द्वारा चलाई जा रही जागरूकता से रहिवासियों के बीच काफी जागरूकता देखने को मिल रहा है। जिसके कारण आज झारखंड के अंतिम छोर का गांव हिसीम व खुदीबेडा बिल विवाह मुक्त गांव घोषित हो सका है।

कार्यक्रम समन्वयक फुलेद्र रविदास ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बोकारो जिले के कुल 150 गांवों को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिसमे अभी तक 90 गांवों को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है।

बताया कि अभियान के दौरान रहिवासियों को नाटक का मंचन से लेकर गांव-गांव में सर्वे व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर इसके दुष्प्रभाव के बारे बताया जा रहा है। कार्यक्रम में बीस सूत्री अध्यक्ष दिलीप हेंब्रम, स्थानीय पंचायत की मुखिया बबीता देवी, सांसद प्रतिनिधि बानेश्वर महतो, पंसस जगेश्वर मूर्मू, आनंद महतो, पंचायत सचिव भगतू तुरी, विमल जयसवाल, कुलदीप करमाली, मिंटी कुमारी सिन्हा, अशोक महतो, विकास कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

ज्ञात हो कि, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित करने कर पीछे सरकार की सोच कफ़ी सराहनीय है। क्षेत्र के रहिवासियों को पंचायत स्तर पर काम हों, इसके लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम किया जा रहा है। इसके बावजूद भी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम सफल करने में अधिकारी और कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग होना सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में किसानों की कोई रूचि नहीं दीखता है।

इस संबंध में क्षेत्र के किसानों का कहना है कि आवेदन देने से कोई फायदा नहीं होता है। सरकार की सोंच को अधिकारी, कर्मचारी चकनाचूर करने में लगे रहते है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी रहिवासियों कि समस्या का निदान करने में असफल रहे है।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से रहिवासियों को तभी फायदा मिलेगा जब कोई मंत्री, झारखंड सरकार के सचिव, जिले के वरिय पदाधिकारी, अनुमंडल के वरिय पदाधिकारी का होने से ऑन स्पॉट समस्या का निदान हों सकता है।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जितने भी आवेदन शिविर में प्राप्त होता है उसका ऑन द स्पॉट निष्पादन होना चाहिए था। अभी भी समय है ज्वलंत समस्या के निदान रहिवासियों को मिले। प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है कि पंचायत में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित की जाती है।

शिविर में आये हुए रहिवासियों का अधिकारी जनता मिलन समारोह भी होना चाहिए था। अधिकारी को शिविर में अपना परिचय देकर समस्या निदान करना चाहिए था, लेकिन ऐसा होता नहीं है। जिसके कारण शिविर में आए रहिवासी अधिकारी को पहचान नहीं पाते। इसका फायदा कर्मचारी और छूटभैया नेता उठाते है।

 142 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *