पुरानी संस्कृति को जीवंत बनाए रखना सबसे अहम जिम्मेदारी-राजू खान

संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। अगर एक आम शिक्षित आदमी के चेहरे को जो हिन्दुस्तानी है गौर से देखा जाए तो शायद कुछ नकारात्मक ही नजर आएगा। जबकि बहुत से लोग काफी सक्रिय और जीवंत भी होते रहे हैं।

वैशाली जिला (Vaishali district) के हद में सराय में स्थित डी. पी. एस (DPS) के निदेशक राजू खान ने जन्माष्टमी के मौके पर जो संस्कृति के प्रति प्रेम की शाब्दिक अभिव्यक्ति की, उसकी बड़ी जरूरत महसूस की जा रही है।

लोग सचेष्ट होने का प्रार्थमिक प्रयास शुरू भी कर चुके हैं। फिर भी मानवतावादी सोंचों से इतर अनवरत चलने का यह एक भयानक दुष्परिणाम भी कहा जा सकता है, कि सदियों पुरानी संस्कृति के प्रति आस्था अब एक दिखावटी स्वरूप धारण कर रही है।

इसी कड़ी में एक विपरीत नाम निदेशक राजू खान का भी आया है। जिन्होंने राष्ट्रीय एकता और अखंडता को हर हाल में बरकरार रखने की सभी लोगों से अपील की है।

इस अवसर पर डी. पी. एस. सराय के निदेशक सह शिक्षाविद खान ने कहा कि हमारा देश अनेकता में एकता वाला है। हम यहां मिल जुलकर भाई चारे की भावना के साथ जीते आए हैं। ऐसी अनोखी संस्कृति के प्रति आस्था में लगातार वृद्धि हो, ऐसी सोंच को बढ़ावा हर हाल में मिलना चाहिए।

मालूम हो कि स्कूल में इस अवसर पर क्राफ्ट एंड कल्चरल प्रोग्राम आयोजित किया गया। जिसकी रूप रेखा से लेकर सभी प्रकार की तैयारियों में विद्यालय की शिक्षिका प्रियंका कुमारी एवं प्रीती कुमारी ने उल्लेखनीय और उत्साहपूर्ण योगदान दिया।

साथ ही स्कूल की छात्रा सलोनी कुमारी, आर्घ्या कुमारी, अंशराज, युवराज शर्मा और नयशा खान ने जन्माष्टमी के मौके को मोहक बनाने का काम किया। इन लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण का परिधान और वेश भूषा धारण किया। जिसे मौजूद सभी ने काफी सराहा।

निदेशक खान के अनुसार उन्होने इस अवसर पर बच्चों को बधाई दी और साथ ही बेहतर तथा उनके उज्जवल भविष्य की ढेरो शुभकामनाएं भी दी।

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