एस. पी. सक्सेना/बोकारो। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 12 जून को बोकारो जिला के हद में जारंगडीह के विद्यालय में जागरूकता अभियान चलाया गया। उक्त जागरूकता कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के. बी. कॉलेज बेरमो द्वारा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि बाल विकास से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है। बच्चे किसी भी राष्ट्र के भावी निर्माता होते हैं। इस भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी राष्ट्र के साथ साथ हम सबकी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बाल श्रम जैसे शिकंजे से शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाने से ही इनका भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को किसी भी व्यावसायिक प्रक्रिया में नियोजित करने की अनुमति नहीं है।
साथ ही 14 से 18 वर्ष के आयु वाले बच्चों को खतरनाक व्यवसायों में नहीं लगाया जा सकता है। कहा कि यदि कोई व्यक्ति 14 वर्ष से कम या 14 से 18 वर्ष के बीच की आयु के किसी बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में नियोजित करता है, तो उसे एक से छह महीने जेल और या 20 से 50,000 रुपए के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। कहा कि बाल श्रम में लिप्त होने से ही बच्चे स्कूलों में ड्रॉप आउट हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को मनाया जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है, जिसका उद्देश्य बाल श्रम और इसके प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
मौके पर एनएसएस स्वयं सेवक सुमीत कुमार सिंह, पीयूष कुमार मंडल, सुधांशु कुमार, सोनू कुमार शर्मा, आकांक्षा अग्रवाल आदि ने पोस्टर स्लोगन के माध्यम से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का संदेश दिया। जागरूकता अभियान में डॉ प्रभाकर कुमार के अलावा स्कूल के प्रधानाध्यापक तिलेश्वर राम, शिक्षक प्रेम कुमार आदि की उपस्थिति रही।
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