कथारा ओपी प्रभारी ने पेश की नजीर, लाचार वृद्धा को दिया आसरा

ओपी पुलिस की दरियादिली की हो रही है क्षेत्र में चर्चा

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जिस माता पिता ने अपना पेट काटकर खुद को दुखी रखकर भी अपनी औलादो को कभी दुःख की लकीर न पड़ने दी हो, उस माता को औलाद के रहते दर दर की ठोकरे खाने को विवश होना पड़े यह समाज और खुद को समाजसेवक कहे जानेवाले तथाकथित के लिए शर्म की बात है।

कुछ यही हाल 31 अगस्त को बोकारो जिला के हद में कथारा चार नंबर कॉलोनी में देखने को मिला। जब कथारा ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति सुबह सुबह मॉर्निंग वाक पर निकले थे। ओपी प्रभारी की नजर अचानक लाचार एक वृद्ध महिला पर पड़ी।

जिज्ञासा वश ओपी प्रभारी ने जब उक्त महिला से उसकी वेवसी के बारे में पुछा तब उक्त लाचार माँ ने शायद पहली बार इस वेवसी की कहानी वयां की। उसने अपना नाम रजंनी कामनी देवी बताया। वृद्धा के अनुसार वह पूर्व में सीसीएल के कथारा वाशरी में कार्यरत थी। लगभग 15 वर्ष पूर्व उसने अपनी नौकरी अपने इकलौते पुत्र राजाराम चौहान को दे दी।

महिला के अनुसार बहु की मृत्यु के बाद उसके पौत्र बहु की बेरुखी के कारण उसे भोजन नहीं मिलता था, इसीलिए उसने वहां से पलायन कर बगल में एक झोपड़ी बनाकर रह रही है। तब से कभी आस पड़ोस से मांगकर तो कभी राहगीरों से कुछ मिल जाने पर अपनी क्षुधा की पूर्ति करती थी। महिला के अनुसार उसे पूर्व में पेंशन भी मिलता था। इधर कई वर्ष से वह भी मिलना बंद है।

ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति ने बताया कि अहले सुबह दल-बल के साथ क्षेत्र में गस्ती पर निकले थे। उन्हें कथारा चार नंबर कालोनी के एक जर्जर आवास के दरवाजे पर लगभग 80 वर्ष की एक वृद्ध महिला काफी बदहाल स्थिति में नजर आई। उसके घर में अन्न का एक दाना तक नहीं था। वृद्ध महिला के समीप पहुंचकर उसकी स्थिति से अवगत होने के बाद वे खुद को रोक नहीं पाये।

उन्होंने वृद्ध महिला को यथासंभव मदद करते हुए उसके बेटे से मिलने के साथ-साथ कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार को भी पुरी घटना की जानकारी दी। क्योंकि उस मजबूर वृद्ध महिला का बेटा सीसीएल कथारा वाशरी में कार्यरत है, जिसका लगभग एक माह पुर्व ही दुर्घटना में पैर क्षतिग्रस्त हो गया है।

वृद्ध महिला की आपबीती सुनने के बाद ओपी प्रभारी स्वंय महिला के आवास पर पहुंचे और बेटे को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए तत्काल मां को वापस घर लाने का आदेश दिया, अन्यथा क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।

ओपी प्रभारी की डांट फटकार रंग लाई और वह अपनी वृद्ध मां को घर ले आया। इसी घटना के बाद ओपी प्रभारी को काफी बेचैनी सताने लगी। उन्होंने क्षेत्र के पत्रकारो से इस मामले में मदद मांगते हुए सभी को थाना बुलाया। क्षेत्र के मिडिया कर्मी भी निर्धारित समय पर थाना पहुंचे।

इसके बाद ओपी प्रभारी ने उक्त वृद्ध महिला की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह जिस मां ने अपने बेटे राजा राम चौहान को नौकरी दी, उसी मां रजंनी कामनी देवी को घर से निकाल बाहर कर दर दर की ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया है। ओपी प्रभारी की माने तो जब वे वृद्ध महिला के टुटे फुटे आवास पर मिले थे उस समय उस महिला के पास अनाज का एक दाना तक नही था।

जिसे देख वे अंदर तक हिल गए। वे सोचने पर मजबूर हो गये कि जब तक वे उस पीड़ित महिला को घर में स्थाई रूप से नही देख लेंगे तबतक उन्हें सुकून नहीं मिलेगा। उन्होंने मिडिया कर्मियों से इस मामले में सहयोग की अपील की। दर्जनों मिडिया कर्मियों को साथ लेकर ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति, ओपी के सहायक अवर निरीक्षक के.एन. पाठक उक्त महिला के पुत्र राजाराम के कथारा चार नंबर स्थित आवास पहुंचे।

वहां देखने को मिला कि वह वृद्ध महिला अपने बेटे के आवास के बाहर बैठी है। उपस्थित मिडिया कर्मियों और पुलिस ने पुत्र व् परिजनों को समझाने बुझाने के साथ यह भी बताया कि अगर दुबारा से मां को घर से निकाला तो उसके साथ क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है। हालांकि आखिर तक पुत्र और परिजन इस बात से इंकार करता रहा कि उसने मां को घर से निकाला है।

बहरहाल काफ़ी दिनों बाद कथारा ओपी पुलिस खासकर ओपी प्रभारी राजेश प्रजापति की इस मानवीय कार्य ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस के शरीर में भी इंसानों के प्रति संवेदना व् दर्द है। ओपी प्रभारी ने इस प्रकार का मानवीय संवेदना का परिचय देकर समाज में एक नजीर पेश की है। ओपी प्रभारी के इस नेक कार्य की क्षेत्र में चर्चा और सराहना हो रही है। रहिवासी पुलिस को सिर्फ कठोर कार्रवाई करने वाला मानते रहे हैं, मगर उनके इस मिथक को ओपी प्रभारी ने तोड़ दिया है।

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