एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सीसीएल मुख्यालय द्वारा प्रति वर्ष प्रत्येक कोयला क्षेत्र को करोड़ों रुपया सामाजिक, सामूहिक एवं मजदूरों के वेलफेयर कार्य हेतु फंड का आवंटन किया जाता है। इस कड़ी में बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र को भी करोड़ों रुपया व्यवस्था के रख रखाव में आवंटन होता है।
अधिकांश कार्य तो कमिशन का भेट चढ़ जाता है। कुछ कार्य एस्टीमेट से भी लोएस्ट टेंडर डालकर कार्य की गुणवत्ता और काम में लीपापोती होती है। उक्त बातें 17 अगस्त को आरसीएमयू कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि कथारा क्षेत्र के अधिकांश जगह गंदगी का अंबार लगा है। आवासों का रख रखाव देखने से यह प्रतीत होता है कि प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपया खर्च होने के बाद भी समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कुछ कार्य वेलफेयर की दृष्टिकोण से शोभा की वस्तु बंद कर रह गई है। जिसे इस प्रकार देखा जा सकता है।
मजदूर नेता सिंह ने कहा कि कथारा महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष, चार नंबर पानी टंकी के समक्ष, आईबीएम कॉलोनी के मध्य में, बांध कॉलोनी में दो जगह पर गंदगी का अंबार लगा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के बांध कॉलोनी में पानी की आपूर्ति के लिए लाखों लाख खर्च कर डीप बोरिंग लगाया गया।
एक दिन भी 1 लीटर पानी मुहैया नहीं हो पाया, जो चिंता तथा जांच का विषय है। कहा कि असैनिक विभाग का दास्तान यह कि जिस कार्य के लिए 5 वर्ष पूर्व प्राक्कलन बनाया गया, टेंडर हुआ, कार्य हुए। लेकिन प्राक्कलन में निर्धारित स्थान से निर्धारित जगह तक उक्त कार्य अधूरा पड़ा है।
इस संबंध में आरसीएमयू क्षेत्रीय अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने कहा कि उपरोक्त मामलों को लगातार प्रबंधन के समक्ष रखने के बाद प्रबंधन के कार्य करने के तरीके से मजदूरों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। विभाग में कार्य करने का सिस्टम फेल हो चुका है।
कब और किस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाए यह उनकी समझ से परे है। कहा कि इस संबंध में जल्द बड़ी बैठक कर समस्याओं की सूची प्रबंधन को सौंप कर बड़ा आंदोलन करने को संगठन बाध्य होगी।
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