तिलक नगर पुलिस के बाद विक्रोली पुलिस के शिकंजे में दो मास्टर माइंड
मुश्ताक खान/मुंबई। “गए थे रोजा माफ कराने गले पड़ी नमाज” वाला मुहावरा शायद आपने जरुर सुना होगा ! एक ऐसा ही मामला विक्रोली की अदालत में पेश आया है, लेकिन अदालत संख्या 34 के अनुभवी न्यायधीश ने आरोपियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया है। इतना ही नहीं न्यायधीश ने एक आरोपी को छोड़ाने के लिए आये दो जमानतदारों के फर्जीवाड़ा की पोल खोलते हुए, उन्हें भी दस्तावेजों में हेरा फेरी करने के मामले में तिलक नगर पुलिस को गिरफ्तार करने का फरमान जारी कर दिया है।
फिलहाल अदालत को गुमराह करने और अहम दस्तावेजों में छेड़ -छाड़ करने के मामले में आरोपी विक्रोली पुलिस स्टेशन की हिरासत में है। इनमें अंबरनाथ गांव निवासी अजय नरेश राम (19) और ठाणे जिला के रमाबाई आंबेडकर नगर निवासी अजिंकनाथ उत्तम पगारे (40) का समावेश है। उपरोक्त दोनों आरोपी साजिद उर्फ एकलाख नफीस खान (21) की जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे। ताकि साजिद को जमानत मिल सके, लेकिन यहां ठीक उसके उलट हो गया।
गौरतलब है कि तिलक नगर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साजिद उर्फ एकलाख नफीस खान (21) को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (1), 64 (2), (A), 69 के तहत गिरफ्तार किया गया था। जिसके करण उसकी जमानत नहीं हो पा रही थी। इसके लिए अंबरनाथ गांव निवासी अजय नरेश राम (19) और अजिंकनाथ उत्तम पगारे (40) ने अपने पेन कार्ड, आधार कार्ड, उद्यम सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, कोटक महेंद्र बैंक का स्टेटमेंट, और उल्हासनगर के नगरपालिका के कर पावती में बड़ा फेर बदल कर विक्रोली की अदालत में पेश किया था। ताकि उसके दोस्त साजिद को जमानत मिल जाये।
लेकिन विक्रोली की अदालत संख्या 34 के अनुभवी न्यायधीश ने उपरोक्त सभी दस्तावेजों की जांच की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इस खुलासे के बाद न्यायधीश ने तिलक नगर पुलिस को आदेश दिया की अजय नरेश राम ने अपने उपरोक्त दस्तावेजों में फेरबदल कर अपनी असली पहचान को छुपाते हुए अपनी पहचान जय प्रकाश गौंड के रूप में दिया है, जो कि पूरी तरह फर्जी है।
इसी तरह अजिंकनाथ उत्तम पगारे ने अपनी असली पहचान को छुपाते हुए अपने उपरोक्त सभी दस्तावेजों पर रविदत्तु गवली के बनकर पेश किया। यानि इसने भी अदालत को गुमराह किया, इस लिहाज से आरोपी को जमानत दिलाने वाला खुद आरोपी बन गया है।
बताया जाता है कि अदालत के आदेश पर तिलक नगर पुलिस ने अजय नरेश राम और अजिंकनाथ उत्तम पगारे को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद तिलक नगर पुलिस वरिष्ट अधिकारी शशिकांत पवार, पुलिस निरीक्षक दिलीप रामचंद्र माने और पुलिस उप निरीक्षक ए एच शेंगे उपरोक्त आरोपियों घंटों पूछताछ की, यह मामला बुधवार का है। जबकि तिलक नगर पुलिस के अधिकारियों ने गहन पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को विक्रोली पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया है।
गुरुवार की सुबह एफआईआर को विक्रोली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 219/25 के तहत मामला दर्ज किया है। यहां के वरिष्ट अधिकारी सुर्यकांत नाईकवाडी के आदेश पर दोनों आरोपियों को भोईवाडा के होली डे कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है फिलहाल इस मामले की जांच पुलिस उप निरीक्षक संतोष कोली कर रहे हैं। फर्जीवाड़े के इस खेल में और भी तथ्यों का पर्दाफाश होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
Tegs: #Judge-of-vikhroli-court-exposed-fake-detainees
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