अधिवक्ता रंजन मिश्रा का अहम योगदान
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो के चर्चित पत्रकार निर्मल महाराज मामले में साक्ष्य के अभाव में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पत्रकार को बाइज्जत बरी कर दिया। उक्त मामले में पत्रकार महाराज के अधिवक्ता रंजन मिश्रा का अहम योगदान रहा है।
ज्ञात हो कि 3 जून 2017 को महिला थाना बोकारो के प्रभारी रही संगीता कुमारी द्वारा निर्मल महाराज के विरुद्ध व्हाट्सएप ग्रुप में महिला थाना प्रभारी के खिलाफ महिलाओं का आर्थिक दोहन करने का आरोप लगाया गया था। महिला थाना प्रभारी ने पत्रकार पर थाना में आकर प्रति माह ₹ दस हजार मांगने का मुकदमा बीएस सिटी थाना में दर्ज किया गया था।
जिसमें बीएस सिटी थाना कांड क्रमांक-109/17 आईपीसी की धारा 385, 389, 500, 509 एवं आईटी एकता 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया था।
जानकारी के अनुसार मुकदमा के अनुसंधानकर्ता सिटी थाना प्रभारी मदन मोहन कुमार सिन्हा को बनाया गया था। इस मामले को लेकर पत्रकार महाराज न्यायालय की शरण में गये। बताया जाता है कि 12 जनवरी 2018 को न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत पर मुक्त किया गया। इस मुकदमा में कूल 6 गवाह थे।
जिसमें से चार गवाह केस के वादिनी संगीता कुमारी, विनोद ओझा, प्रीति एवं लक्ष्मीकांत पटेल ने अपना बयान न्यायालय कलमबद्ध कराया, बाकी दो गवाह नहीं आने के कारण निर्मल महाराज के वकील रंजन मिश्रा के द्वारा गवाही को बंद करने की अर्जी दी गयी। जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।
जानकारी के अनुसार बीते 5 जुलाई को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में वकील रंजन मिश्रा के द्वारा मामले में जोरदार बहस किया गया, जिसमें गवाहों के बयान को देखते हुए एवं कोई साक्ष्य नहीं रहने के कारण पत्रकार निर्मल महाराज को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से बरी कर दिया गया।
इसे लेकर दर्जनों गणमान्य जनों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे न्याय की जीत कहा। साथ हीं कहा कि निर्दोष पत्रकार को बदनाम करने के लिए पुलिस द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें अंततः पत्रकार की जीत हुई। पत्रकार निर्मल महाराज ने अपने वकील रंजन मिश्रा को इसके लिए साधुवाद दिया।
265 total views, 1 views today