प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। झामुमो के वरीय नेता काशीनाथ केवट ने कहा कि बढ़ते औद्योगीकरण और कोलियरियों के विस्तार की वजह से विस्थापन का संकट गहराता जा रहा है। जिस गति से देश विकास और आर्थिक लाभ की दौड़ में भागे जा रहा है उसी रफ्तार से लोग विस्थापित होने का दंश भी झेल रहे हैं।
केवट ने कहा कि उद्योगों तथा परियोजनाओं से उजड़े हुए विस्थापित आजीविका जैसे मानवीय सवालों पर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करते हैं, वहाँ के विस्थापितों पर प्रबंधन के इशारे पर पुलिस प्रशासन (Police administration) दमनचक्र चलाती है। लगता है कि प्रशासन ने जनता के प्रति सभी जिम्मेदारियों से पल्ला ही झाड़ लिया है।
उन्होने कहा कि गाँवो में रहने वालों को विस्थापन का क्रूर दंश झेलना पड़ रहा है और पुनर्स्थापित होने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती। कोलियरियों में हैवी ब्लास्टिंग से जनजीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
अनेकों बार बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के कारो, अमलो प्रोजेक्ट के हैवी ब्लास्टिंग से रहिवासी विस्थापितों के घरों में न केवल दरार पड़ गया है बल्कि कई बार लोग चोटिल भी हुए हैं। अभी यहाँ के विस्थापित भयाक्रांत की जिंदगी जी रहे हैं। उन्हें पुनर्वासित करने की कोई योजना भी नजर नहीं आ रही है।
रोजगार के सवाल पर उन्होने कहा कि रेलवे रैक में कोयला लोडिंग का कार्य ठेकेदारों का पे-लोडर करता है, जो हजारो बेरोजगारों के रोजगार को छीन रखा है। रेलवे रैक में मैनुअल लोडिंग शुरू किया जाय तो हजारो बेरोजगार हाथों को काम मिल सकता है। इसी तरह लोकल सेल में रंगदारी प्रथा बंद कर सभी पैसा लोडिंग मजदूरों को दिया जाय तो लोडिंग मजदूरों की आय अवश्य बढ़ेगी।
उन्होने कहा कि सीसीएल से विस्थापित हुए लोगों की आवाजें हर जगह अब गूँजने लगी है, इसलिए पूरे सीसीएल स्तर पर एकजुट आंदोलन का सूत्रपात किया जाएगा और झामुमो इस बड़े आंदोलन में गुरुतर भूमिका अदा करेगा। इसलिए झामुमो की बेरमो में आयोजित रोजगार महारैली एक नई दिशा दिखाएगी।
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