झामुमो उलगुलान सुप्रीमो कृष्णा मार्डी ने पश्चिम सिंहभूम से भरा पर्चा

प्रहरी संवाददाता/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान पार्टी सुप्रीमो सह पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने बीते 25 अप्रैल को पश्चिम सिंहभूम लोकसभा चुनाव का नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी के समक्ष पर्चा दाखिल किया।

मार्डी के पर्चा दाखिल करने से उनके समर्थकों में हर्ष देखा जा रहा है। समर्थकों के अनुसार झामुमो उलगुलान सुप्रीमो सह पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी सत्र 1991 से 1996 तक पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में जन समस्याओं के निराकरण एवं पीड़ितों का हक दिलाने के लिए चुनाव लड़ रहे है।

पर्चा दाखिल करने के बाद पूर्व सांसद मार्डी ने बताया कि क्षेत्र के किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुवा, चाईबासा, चिड़िया एवं मनोहरपुर में हजारों बेरोजगारो को नियुक्ति दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। उनका मानना है कि उलगुलान विस्थापन की समस्या से साथ-साथ पुनर्वास की समस्या को हल कर नियुक्ति दिलाई है। मार्डी के अनुसार मजदूरो की समस्याओं के निराकरण व हल करने को लेकर उनके पार्टी का गठन हुआ है।

उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार की स्थिति काफी दयनीय है। राज्य गठन के 24 वर्षों बाद एक गैर आदिवासी को छोड़कर 10 आदिवासी मुख्यमंत्री बने, लेकिन सिर्फ कागजों पर हीं आदिवासियों का विकास हुआ। राज्य की तस्वीर नहीं बदली। धरातल पर कुछ नहीं हुआ।

मार्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने 1932 का खतियान लाकर 1964 के खतियान धारियों को हीं सारी सुविधाओं से वंचित कर झारखंड के आदिवासी व मूल निवासियों को बांटने व हक से वंचित करने का काम किया है। इससे नियोजन नीति समेत अन्य लाभ 1964 खतियान धारी को नहीं मिल पायेगा।

इस कानून में बदलाव लाकर 1964 को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम सिंहभूम में मानकी मुंडा व्यवस्था है। पेशा कानून को भी सरकार लागू नहीं कर पाया है। जिससे झारखंड के लाखो आदिवासियों व मूलवासियों को भारी नुकसान हो रहा है। कहा कि झामुमो गठबंधन की सरकार ने नियोजन को पुरी तरह बंद कर दिया है।

पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र की तमाम खदानों को बंद कर बेरोजगारों को सड़कों पर लाकर एक प्रकार से कटोरा पकडा़ दिया है। बालू घाट की नीलामी नहीं कर माफिया राज लाकर लूट मचाया है। बालू व कोयला की लूट खुलेआम हो रही है। सेल, टाटा स्टील व अन्य खदानों में स्थानीय रहिवासियों के बजाय बाहरी को नौकरी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोग लडा़ई लड़कर झारखंड अलग राज्य लिये। शिबू सोरेन तो आंदोलन को हीं बेच दिये थे।

मार्डी ने कहा कि हमने 1992 में क्षेत्र के 542 बेरोजगार युवाओं को सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु में, चिडि़या खदान में 700, गुवा में 200 का ऐतिहासिक नियुक्ति कराया। उन्होंने तुगलकी फरमान देने का आरोप लगाकर राज्य की जनता को पुलिस प्रशासन द्वारा भयादोहन किए जाने की निंदा की है।

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