रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। इंडिया गठबंधन झारखंड सरकार की जनकल्याणकारी महत्वाकांक्षी लाभकारी झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना का शुभारंभ जरीडीह प्रखंड के हद में बांधडीह उत्तरी पंचायत सचिवालय में 6 अगस्त को किया गया। उद्घाटन जरीडीह के अंचलाधिकारी प्रणव ऋतुराज द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार को लेकर जहां जरीडीह प्रखंड, अंचल कार्यालय के सभी अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी सेविका सक्रिय होकर कार्य कर रहें हैं।
वहीं प्रखंड अध्यक्ष सह 20 सूत्री अध्यक्ष अशोक कुमार मंडल, प्रखंड महासचिव मुरलीधर साव, प्रखंड महासचिव अविनाश माधव, प्रखंड उपाध्यक्ष अकबर अंसारी, बलराम तिवारी, देव कुमार जयसवाल, हाजी सलीम अंसारी, माणिक दास, हसन अंसारी, राजेश हजाम, अयुब अंसारी, इकबाल अहमद, अहमद अंसारी, बबलू अख्तर, जरीडीह प्रखंड कांग्रेस कमिटी, पंचायत कमिटी, 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के प्रखंड अध्यक्ष, सदस्यगण, वरिष्ठ नेतागण कैंपों और गांव के टोले मुहल्ले में प्रचार-प्रसार बढ़-चढ़ कर रहें हैं।
इस अवसर पर प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष एवं 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष अशोक मंडल ने कहा कि खुशियों की बौछार लेकर आई है झारखंड सरकार। कहा कि जो सोंच झारखंड सरकार की है वही सोंच किसी और पार्टी का नहीं रहा है।
मंडल ने कहा कि झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी लाभकारी योजना मंईया सम्मान योजना का लाभ शत-प्रतिशत लाभुकों तक पहुंचाने के लिए बेरमो विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुमार जय मंगल (अनुप सिंह) काफी गंभीर हैं। विधायक के निर्देश पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी इस अभियान के प्रचार-प्रसार में काफी मजबूती से भाग दौड़ कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि सभी का उद्देश्य माता-बहनों को शत प्रतिशत लाभ प्रदान हों। फार्म उपलब्ध कराना, फार्म भरकर देने का कार्य, मां-बहनों को लाभकारी योजना की जानकारी देना जरीडीह प्रखंड कांग्रेस कमिटी मुस्तैदी से कर रहा है।
मंडल ने कहा कि विशेष यह कि सर्वर डाउन रहने के कारण आवेदन ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है। उच्च अधिकारी की निगरानी नगण्य है। सिर्फ आंगनबाड़ी सेविका को बैठा देने से काम नहीं हो सकता।
सर्वर डाउन रहने से एक भी आवेदन का ऑनलाइन जमा नहीं हो पाना अत्यंत दु:खद बात है, क्योंकि वर्तमान में खेती का समय होने से माता-बहनों के लिए परेशानी है। सेविकाओं को घर-घर जाकर फार्म भरवाने की वैकल्पिक कमी को पूरा किया जाएगा। इसलिए सेविकाओं को घर-घर जाकर फार्म भरवाने की वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए।
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