जेईएस सहयोग के लिए राष्ट्रपति से लगाएंगे गुहार
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। झारखंड (Jharkhand) के प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाली झारखंडी एकता संघ ने फूटपाथ पर ठेला लगाने वाले 31 वर्षीय मृतक मालदेव यादव की विधवा को उसके गांव भेजने में अहम भूमिका निभाई है।
दरअसल मृतक यादव मुंबई की सड़कों पर रोजगार कर अपना और अपने परिवार के साथ साथ गांव में माता पिता के लिए भी कमो बेस मदद करता था। यादव अपने परिवार में एकलौता कमाने वाला व्यक्ति था। उसके नहीं रहने से उसकी पत्नी और बच्चे अनाथ हो चुके हैं।
झारखंडी एकता संघ (जे ई एस) के राष्ट्रीय (National) महासचिव सदरुल शेख से मिली जानकारी के अनुसार मृतक मालदेव यादव झारखंड राज्य (Jharkhand State) में गिरिडीह जिले (Giridih District) के धरगुल्ली पंचायत क्षेत्र के मेसोनधा के निवासी थे। उनका किडनी खराब हो चूका था, इस लिहाज से बेहतर इलाज के लिए अंधेरी के होली स्परिट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
जहां इलाज के दौरान उनकर मौत हो गई। मुंबई (Mumbai) में उनके साथ 27 वर्षिय पत्नी और 3 बच्चों भी थे। इस घटना की सूचना मिलने के बाद झारखंडी एकता संघ, मुंबई के राष्ट्रीय महासचिव सदरुल शेख, राष्ट्रीय सचिव संतोष कुमार एवं कोषाध्यक्ष ताज हसन अंसारी उनकर पत्नी से मिले और मदद का भरोसा दिया।
पत्नी और उनके परिजनों के कहने पर यादव का अंतिम संस्कार मुंबई में ही कर दिया गया। इसके बाद मृतक की विधवा की इच्छा के अनुसार उनके गांव जाने की पूरी व्यवस्था जेईएस द्वारा कर दिया गया।
राज्य सरकारों ने दिया लॉलीपॉप
जे ई एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी ने बताया कि 17 वर्षों से चल रही संस्था को झारखंड सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिलता है। इसके बाद भी मुंबई के सदस्यों के सहयोग से करीब 240 प्रवासी मजदूरों का शव झारखंड भेज चुकी है।
अंसारी ने बताया की पिछले 17 वर्षों अलग-अलग सरकारों वादा तो किया, लेकिन उसे अमली जामा अब तक किसी भी सरकार (Government) ने नहीं पहनाया। इस लिहाज से जे ई एस के सदस्यों राष्ट्रपति से अपील करने वाले हैं। ताकि मृत आत्मा को शांति मिल सके।
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