रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में चंदनकियारी के राष्ट्रीय उच्च पथ 218 में चंदनकियारी-बरमसिया के बीच गवाई नदी पर बना पुल का निरीक्षण करने के लिए एनएच के कनीय अभियंता (जेई) अवध बिहारी तथा सहायक अभियंता (एई) विनय कुमार एक जुलाई को गवाई नदी पुल के पास पहुंचे।
जेई व् एई ने इस अवसर पर पुल की जांच कर कहा कि चंदनकियारी में सात पुल में एप्रोच रोड नही बनने पर पीआईएल किया गया है। कहा कि बगल के नया पुल में एप्रोच रोड का डीपीआर तैयार किया गया है।
स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया में जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग के वरीय पदाधिकारी को विस्तृत जांच रिपोर्ट भेज दिया जायेगा। कहा कि क्षतिग्रस्त पुल को समय रहते मरम्मती नहीं किया गया तो बड़ा हादसा हो सकता है।
ज्ञात हो कि चंदनकियारी स्थित गवाई नदी में स्थित पुल का खंभा क्षतिग्रस्त हो चुका है। समय रहते विभागीय स्तर से यदि उक्त पुल की मरम्मति नहीं की गयी तो यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
बीते 30 जून को बोकारो जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष देवाशिष मंडल, प्रखंड अध्यक्ष जलेश्वर दास पुल के क्षतिग्रस्त की सूचना मिलने पर गवाई नदी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस संबंध में मंडल ने बताया कि एनएच के कायर्पालक अभियंता ने बताया कि गवाई नदी का क्षतिग्रस्त पुल और नया पुल दोनो पीडब्लूडी का है।
हालांकि जब उक्त रोड को एनएच में परिवर्तन किया जा चुका है तो रोड एनएच का और पुल पीडब्लूडी का। प्रतिदिन हजारों मालवाहक वाहन, सवारी वाहन उक्त पुल से होकर गुजर रहा है। जिसके कारण उक्त क्षतिग्रस्त पुल कभी भी धराशायी हो सकता है। इससे होनेवाले हादसा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि, बिरसा पुल मरम्मति होने के कारण धनबाद से चंदनकियारी का संपर्क कट गया है। प्रतिदिन हजारों राहगीर जान जोखिम में डालकर भोजूडीह तथा सुदामडीह के रास्ते डीगवाडीह, भौरा आने जाने का काम कर रहे हैं। अब गवाई का पुल बंद होने से स्थिति काफी भयावह हो सकता है।
दस साल से बना नया पुल बेकार साबित हो रहा है
सबसे मजेदार बात है कि क्षतिग्रस्त पुल के बगल में करोड़ों की लागत से लगभग दस साल पहले से एक नया पुल बनकर तैयार है, परंतु उक्त पुल से होकर अभी तक पीडब्लूडी विभाग वाहनों का परिचालन नहीं कर पाया है। वाहन नहीं चलने का कारण है कि उक्त पुल का पहुंच पथ अभी तक नहीं बना है।
पहुंच पथ के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत है। जमीन अधिग्रहण के लिए विभाग की ओर से अंचल कार्यालय को कई बार पत्राचार किया गया, परंतु अभी तक जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाया। जिससे उक्त पुल के दोनो किनारे पहुंच पथ नहीं बना। जिसके कारण पुल बेकार पड़ा है।
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