गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। आगामी 5 दिसंबर को तिरहुत स्नातक विधान परिषद क्षेत्र के लिए मतदान होना है। इस मतदान में तिरहुत कमिश्नरी के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली इन चार जिलों के स्नातक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
दरअसल तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर एमएलसी हुआ करते थे, जो पिछले लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी से सांसद चुन लिये गये। इसके बाद खाली पड़ी एमएलसी सीट पर उप चुनाव हो रहा है। आगामी 5 दिसंबर को इस सीट पर वोटिंग होनी है।
इस चुनाव में कुल 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें एनडीए की ओर से जेडीयू के अभिषेक झा और महागठबंधन की ओर से आरजेडी के गोपी किशन के साथ-साथ प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी विनायक गौतम भी चुनावी मैदान में है।
जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने तिरहुत स्नातक के लिए अपनी पार्टी से डॉ विनायक गौतम को प्रत्याशी बनाया है। डॉ विनायक वैसे तो पेशे से डॉक्टर हैं, लेकिन उनकी उत्तर बिहार खासकर मुजफ्फरपुर जिले में मजबूत पारिवारिक राजनीतिक विरासत रही है।
विनायक गौतम के पिता रामकुमार सिंह तिरहुत स्नातक क्षेत्र से कई दफे एमएलसी रह चुके हैं। उनके नाना स्व. रघुनाथ पांडेय अपने दौर में मुजफ्फरपुर और आस-पास के जिलों के सबसे कद्दावर राजनेता माने जाते थे। आज भी उत्तर बिहार में रघुनाथ पांडेय के परिवार का खासा दबदबा है और उनकी जाति में उनका सम्मान है।
तिरहुत स्नातक क्षेत्र में जेडीयू से प्रशांत जहां जो उम्मीदवार हैं, वह इस क्षेत्र के नहीं है। साथ हीं एनडीए के कोई बड़े नेता उनके चुनाव प्रचार में नहीं दिख रहे हैं। मात्र देवेश चंद्र ठाकुर सांसद प्रशांत झा को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। आरजेडी के उम्मीदवार गोपी किशन राजद के आधार मत के भरोसे चुनाव मैदान में है, लेकिन इस चुनाव में राजद के आधार मत मुस्लिम समाज का मत बिखरा नजर आ रहा है।
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में इस बार सबसे अधिक डेढ़ लाख के करीब स्नातक मतदाता हैं, जिनमें सबसे अधिक मतदाता मुजफ्फरपुर जिले में है। उनकी संख्या लगभग 67000 है। सबसे कम मतदाता 6600 शिवहर जिले के हैं, जबकि वैशाली जिले में 37000 के लगभग स्नातक मतदाता हैं। वहीं सीतामढ़ी जिले में लगभग 43000 स्नातक मतदाता है।
उपरोक्त तीनों उम्मीदवारों के अलावे वैशाली जिले के राघोपुर क्षेत्र के बाहुबली बैजनाथ सिंह के पुत्र राकेश रोशन भी निर्दलीय चुनाव में मैदान में हैं। राकेश रोशन ने वैशाली जिले से सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर के सभी क्षेत्रों में अपना गहन दौरा किया। लगता है कि उनके स्वजातीय राजपूत बिरादरी का मत उन्हें एक मुस्त मिलेगा।
कहने को तो स्नातक मतदाता अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे, लेकिन मतों की गोलबंदी जातीय आधार पर देखी जा रही है। इस चुनाव क्षेत्र में जन सुराज के उम्मीदवार डॉ विनायक गौतम के स्वजातीय भूमिहारों की संख्या अधिक बताई जा रही है, जो निश्चित रूप से विनायक को प्राप्त होता नजर आ रहा है।
इसके अलावे प्रशांत किशोर के अथक प्रयास और जन सुराज के कार्यकर्ताओं के बल पर जन सुराज के उम्मीदवार विनायक जदयू के उम्मीदवार से सीधी लड़ाई में आगे दिख रहे हैं।मतदान 5 दिसंबर को होगा, लेकिन मतदाताओं में उदासीनता बनी हुई है। जिस वजह से मतदान का प्रतिशत कम होने के आसार ज्यादा है।
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