जमसं के क्षेत्रीय अध्यक्ष ने थामा आरकेएमयू का दामन

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन में आस्था व्यक्त करते हुए 3 दर्जन से अधिक लोगों ने बैरिष्टर सिंह के नेतृत्व में 8 अगस्त को जनता मजदूर संघ को अलविदा कह आरकेएमयू (RKMU) में शामिल हो गए।

शामिल होने वाले लोगों को आरकेएमयू के महामंत्री तथा क्षेत्रीय सचिव ने माला पहनाकर स्वागत किया। साथ हीं कहा कि इससे यूनियन को और सशक्त बनाने में बल मिलेगा।

बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के आरकेएमयू क्षेत्रीय कार्यालय जारंगडीह में आयोजित एक सादे समारोह में जमसं से अलग होकर आरकेएमयू में आस्था व्यक्त करते हुए जमसं के कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर सिंह समेत 3 दर्जन से अधिक लोग शामिल हो गए।

इस अवसर पर आरकेएमयू के केंद्रीय महामंत्री राजेश कुमार सिंह ने कहा कि वे धन्यवाद देते हैं कि देर से ही सही मगर उनके साथी दुरुस्त आए हैं। उन्होंने क्षेत्रीय सचिव अनूप कुमार स्वाईं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी मेहनत और लगन से ही यूनियन दिन दूनी रात चौगुनी विकास कर रही है और मजदूर समस्याओं का निपटारा करने में सक्षम हो रही है।

क्षेत्रीय सचिव अनूप कुमार स्वाईं ने कहा कि यूनियन मजदूर हितों को सर्वोपरि मानकर काम करती है। किसी एक को खास तवज्जो नहीं देती। उन्होंने कहा कि मजदूर है तभी यूनियन का अस्तित्व है।

मौके पर उपरोक्त के अलावा जमसं बीएंडके क्षेत्रीय अध्यक्ष गजेंद्र प्रसाद सिंह, कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष गणेश राम, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष गणेश राम महतो, स्वांग वाशरी शाखा सचिव पीयूष वर्मा, जारंगडीह शाखा अध्यक्ष संजय पासवान, शाखा सचिव खगेश्वर रजक, पाली, गोदु, छोटू आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उपरोक्त सहित 100 से अधिक लोग उपस्थित थे।

वही जमसं छोड़कर आरकेएमयू में शामिल होने वालों में बैरिस्टर सिंह के अलावा मौजी लाल रविदास, बहादुर कहार, गणेश राम, देवकांत पटेल, गगनदेव राम, राम कुमार राजभर, अर्जुन, कार्तिक मांझी, फागु लाल, आकाश, केदार यादव, संजय कुमार, अनीश कुमार, विकास दास, लेरो, अखिलेश चौहान आदि शामिल थे। अध्यक्षता गणेश राम तथा संचालन खगेश्वर रजक ने किया।

इस संबंध में पूछे जाने पर जमसं से इस्तीफा देकर आरकेएमयू में शामिल होने वाले बैरिस्टर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपना त्यागपत्र जमसं के राष्ट्रीय महामंत्री सिद्धार्थ गौतम को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि विवश होकर वे जमसं की सभी कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। साथ हीं उन्होंने कहा कि वे अब तक जनता मजदूर संघ के एक सच्चे सिपाही के तौर पर कार्य करते रहे हैं।

बैरिष्ठर सिंह के अनुसार उन्होंने 27 अक्टूबर 1989 को जमसं के धनबाद में आयोजित वार्षिक अधिवेशन में शामिल होने के बाद इससे प्रभावित होकर इसकी सदस्यता ली थी। इसके बाद वे लगातार 15 वर्षों तक कार्यरत रहे, लेकिन हाल के दिनों में कुछ लोगों द्वारा पुराने साथियों को दरकिनार किये जाने से कुपित होकर वे जमसं छोड़ने को मजबूर हुए हैं।

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