सैप सिस्टम और वेतन समझौता मे देरी को लेकर 15 को महाप्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन-टीनू
प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बीते 10 नवंबर को जनता मजदूर संघ बीएंडके क्षेत्र के नेताओं द्वारा सेफ में गड़बड़ी और वेतन समझौता मे देरी को लेकर आगामी 15 नवंबर को बोकारो जिला के हद में करगली स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। इसकी सूचना सहायक कार्मिक प्रबंधक विश्वास वत्स को लिखित पत्र देकर किया गया।
यूनियन के क्षेत्रीय सचिव ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह ने इस संबंध में 12 नवंबर को जानकारी देते हुए कहा कि सीसीएल प्रबंधन द्वारा अचानक सैप सिस्टम लागू कर दिया गया। किसी तरह का कोई प्रशिक्षण सैप शुरू करने से पहले न किसी अधिकारी को दिया गया, न ही किसी कर्मचारी को।
फिर भी कोल इंडिया में सिस्टम लागू कर दिया गया। यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि इससे कितनी परेशानी हो रही है। इसके निदान क्या है। उन्होंने बताया कि कोल इंडिया की अनुसंगी इकाई सीसीएल में बीते कुछ महीनों से वेतन भुगतान सैप से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सैप की विसंगतियों की वजह से कोयलाकर्मी बेहद परेशान है। साथ ही कामगारों का ग्यारहवां बेतन समझौता को प्रबंधन द्वारा अनावश्यक रूप से विलंब किया जा रहा है।
जमसं नेता राहुल कुमार ने कहा कि जब से सैप आया है, समय पर न तो पैसे मिलते हैं, न तो सैलेरी स्लिप (वेतन पर्ची)। यहां तक कि कई मदों में पैसे सैलेरी से मनमाने ढंग से काट लिए जाते हैं और कम पेमेंट किये जाते है।
जिसकी व्याख्या करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि सैप से जुड़ी परेशानियों के निदान के लिए न तो कोई विभाग बनाया गया और न ही कोई मॉनिटरिंग सिस्टम की शुरूआत की गई है।
सैप की वजह से नाहक ही समस्याएं उत्पन्न हो रही है। जिससे औद्योगिक संबंध पर आंच आ रही है और उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। सैप किसी भी सरकारी संस्थान में विकसित नहीं किया गया है।
लोक उद्यम से जुड़ी कंपनी द्वारा जानबूझकर अधिकारियों-कर्मियों को परेशानी में डाला गया है। कहा कि इससे आर्थिक और मानसिक नुकसान हो रहा है।
कहा कि जो कंपनी में काम कर रहे हैं, उन्हें तो सैप से दिक्कत हो ही रही है, रिटायर करने वालों को भी पीएफ से लेकर ग्रेच्युटी तक में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौके पर मोहम्मद खुर्शीद, शंकर नायक आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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