ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। सर्वोच्च न्यायलय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला जज बोकारो अनिल मिश्रा के निर्देशानुसार तेनुघाट जेल में बीते 19 मई को जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम मनोज प्रजापति की अगुवाई में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जेल अदालत में उपस्थित बंदियों को संबोधित करते हुए एसीजेएम प्रजापति ने बताया कि जेल में बंदियों को जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। अगर किसी को किसी प्रकार की भी समस्या हो तो उसका निराकरण अवश्य किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बंदियों को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो आप बंदी आवेदन के द्वारा इसकी जानकारी न्यायालय को भेज सकते हैं। साथ ही बंदियों को मिलने वाली सारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। बताया कि वे जेल में नहीं सुधार गृह में है, जहां से आप अपने गलतियों पर विचार कर उसे सुधार कर बाहर निकले।
यहां बंदियों द्वारा पुछे गए सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए उसके समाधान के बारे में जानकारी दी और समस्या के निराकरण के बारे में बताया। उन्होंने पीएलवी को आदेश दिया कि जेल में बंद बंदियों को चिन्हित कर सूची को कार्यालय को उपलब्ध कराए, जिससे उन सभी बंदियों को समय-समय पर उनके केस स्टेटस को बताया जा सके।
ज्ञात हो कि जेल अदालत में बंदियों के द्वारा कोई भी आवेदन नहीं दिया गया था। बंदियों को जानकारियां देने के बाद एसीजेएम प्रजापति ने जेल में बंदी वार्ड, रसोई घर, अस्पताल वार्ड सहित अन्य स्थलों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मंच संचालन कर रहे अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने बंदियों को दहेज अधिनियम, अधिकार एवं कर्तव्य सहित कानून की कई जानकारी दी। पैनल अधिवक्ता उमेश प्रसाद ने बंदियों को बताया कि जो बंदी अधिवक्ता नहीं रख सकते हैं, उनके आवेदन पर उन्हें न्यायालय द्वारा अधिवक्ता मुहैया कराया जाता है।
उन्होंने बंदियो को जेल में मिलने वाले सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। स्वागत भाषण तथा धन्यवाद ज्ञापन जेलर नीरज कुमार ने किया। इस अवसर पर भागीरथ कुमार, विजय कुमार, मदन प्रजापति सहित जेल में मौजूद जेल प्रशासन ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।
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