राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। राष्ट्रीय धरोहर के रूप में स्थापित मदर ए प्लांट की जांच करने यादवपुर यूनिवर्सिटी आर्टीकल्चर विभाग की टीम 26 सितंबर को बोकारो थर्मल पहुंची। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था।
जानकारी के अनुसार दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बोकारो थर्मल पावर स्टेशन में बन्द ए प्लांट के दीवार में बने भित्ति चित्र की जांच करने साउथ कोलकाता स्थित यादवपुर यूनिवर्सिटी आर्टीकल्चर विभाग की टीम पहुंची।
टीम में शामिल विभाग के प्रधान तपस कुमार भट्टाचार्य एवं सहयोगी सीचिता कुमारी ने बोकारो थर्मल ए प्लांट के दीवार में बने भित्ति चित्र को देखा व् जांच की। साथ ही वर्ष 2000 ईसवी में बंद किए गए इस प्लांट में काम करने वाले 105 वर्षीय सेवानिर्वित कर्मी चरकू प्रजापति से उनके आवास गैरमजुरूवा बस्ती में जाकर मुलाकात की। टीम ने प्रजापति से भित्ति चित्र के सम्बन्ध में जानकारी ली है।
इस सम्बंध में बोकारो थर्मल प्लांट के वरीय प्रबंधक सह परियोजना प्रधान आनंद मोहन प्रसाद ने बताया कि बन्द मदर प्लांट के दीवार में बने भित्ति चित्र को संरक्षित कर उसका देखभाल कैसे किया जाए इसकी जानकारी लेने यादवपुर यूनिवर्सिटी आर्टीकल्चर विभाग की टीम बोकारो थर्मल पहुंची थी।
बता दे कि, वर्ष 1950 के दशक में बोकारो थर्मल में बने एशिया महादेश का पहला पावर प्लांट का उद्घाटन भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। इस प्लांट को वर्ष 2000 में प्रदूषण विभाग के निर्देश के बाद बंद कर दिया गया था। इस प्लांट के दीवार में बने भित्ति चित्र को शांति निकेतन कला भवन के विभागाध्यक्ष सुरेंद्र नाथ कर द्वारा बनाया गया था।
वही बोकारो थर्मल की सुप्रसिद्ध महिला चित्रकार बिनीता बंदोपाध्याय सहित अन्य आर्ट प्रेमियों के प्रयास के बाद डीवीसी सहित केंद्र सरकार ने इस बंद प्लांट को तोड़ने के बजाय राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया। जिसके बाद मदर प्लांट के रूप में बोकारो थर्मल में यह अभी तक स्थापित है।
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