एलोपैथ की तुलना में प्राकृतिक वनस्पतियां बेहतर
मुश्ताक खान /मुंबई। सायन का आयुर्वेद महाविद्यालय इन दिनों सुर्खियों में है। क्योंकि अंग्रेजी दवाइयों की तुलना में प्राकृतिक वनस्पतियों से बने आयुर्वेदिक दवाइयों की तरफ लोगों का रूझान बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण प्रतिदिन सायन के आयुर्वेद महाविद्यालय की ओपीडी में तकरीबन दो सौ से ढाई सौ मरीज जांच कराने व चिकित्सकों से सलाह लेने आते हैं।
यहां के चिकित्सक मामूली फीस लेते हैं और किफायती दरों की दवाइयों से मरीजों को स्वस्थ्य रखने में सक्षम हैं। प्रभारी प्रचार्य डॉ. एस एन सातपुते के अनुसार 100 बेड वाले इस महाविद्यालय में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। आयुर्विद्या प्रसारक मंडल द्वारा संचालित आयुर्वेद महाविद्यालय राज्य सरकार द्वारा अनुदानित है।
सायन का आयुर्वेद महाविद्यालय
1954 से आयुर्विद्या प्रसारक मंडल द्वारा संचालित सायन आयुर्वेद महाविद्यालय कई मायनों में खास माना जाता है। इस महाविद्यालय के ओपीडी में जांच के लिए महज 20 रूपये ही देने होते हैं। वहीं आईपीडी के मरीजों से प्रतिदिन सिर्फ 100 रूपये ही लिये जाते हैं। यहां पंचकर्मा, द्रव्य गुण, वर्ष शास्त्र और संविता पद्धती से अलग-अलग रोगों का इलाज किया जाता है। यहां आंखों के इलाज के लिए अत्याधुनिक मशीन लागाई गई है।
इसके अलावा हरनीया, अपेंडिस, कान के पर्दे, बावासीर जैसे रोगों का इलाज प्राकृतिक वनस्पतियों और जड़ी बूटियों से बने आयुर्वेदिक दवाइयों से किया जाता है। इस महाविद्यालय में बीएएमएस, यूजी, पीजी, पीएचडी जैसे कुल 9 विषयों पर शोध के साथ छात्रों को शिक्षा दी जाता है। महाविद्यालय में प्रभारी प्रचार्य डॉ. एस एन सातपुते के अलावा उप प्रचार्य डॉ. रविदास आर डब्लू मोरे और डॉ. अशोक डी रामटेके यहां के कुल 44 प्रचायों के साथ-साथ यहां भर्ती सभी मरीजों का पूरा ध्यान रखते हैं।
इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि कभी यहां के छात्र रहे लोगों द्वारा महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्रमुख रूप से अध्यक्ष रंजीत पुराणिक, सचिव डॉ. आशानंद सावंत और खजांची डॉ.शाम नाबर हैं।
शिक्षा के साथ बेहतर चिकित्सा
गौरतलब है कि सायन के आयुर्वेद महाविद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा पर मंडल के प्रमुखों की नजर रहती है। क्योंकि आसमान छुती महंगाई और बेरोजगारी ने न केवल मुंबईकरों को बल्कि पूरे देश की जनता को हिला कर रख दिया है। उप प्रचार्य डॉ. रविदास मोरे ने बताया कि मौजूदा समय में स्वस्थ्य रहने के लिए हर इंसान को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जंक फूड अनेक बीमारियों की जड़ है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वनस्पतियों से हर मर्ज का इलाज संभव है।
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