कोलकाता हाईकोर्ट ने आइएनएमएफ को जेबीसीसीआई में शामिल करने का दिया आदेश
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। कोलकाता हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को कोयला वेतन समझौते के तहत जेबीसीसीआइ ग्यारह में शामिल होने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार बीते 10 फरवरी को कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस टी एस शिवागणानम, जस्टिस हीराममय भट्टाचार्य ने फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद इंटक राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के पक्ष में आए हाई कोर्ट के फैसले से जेबीसीसीआइ में बैठने का रास्ता साफ हो गया है।
फेडरेशन के अध्यक्ष बेरमो विधायक कुमार जय मंगल (अनुप सिंह) तथा इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के सीसीएल कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने इसकी पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि इन्हीं दोनों पदाधिकारियों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। विधायक अनूप सिंह ने कहा कि काफी लंबे संघर्ष के बाद फैसला मजदूर हित में काफी अहम है। उन्होंने कहा कि यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कोयला उद्योग काफी संकट के दौर से गुजर रहा है।
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के वरीय नेता महेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि यह काफी बड़ी जीत है। लंबे समय से सड़क से लेकर अदालत तक की लड़ाई लड़ी जा रही थी। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई की जीत है। मजदूरों की जीत है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के लिखित आदेश आ जाने के बाद विस्तारपूर्वक बात हो सकेगी।
हाइकोर्ट की सिंगल बेंच से हुई थी याचिका खारिज
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन ने कोलकाता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। पूर्व में सिंगल बेंच में याचिका खारिज कर दी गयी थी। कोल इंडिया की ओर से कोर्ट के समक्ष कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट में इंटक को लेकर चल रहे विवाद मामले में कोर्ट के निर्देश के आलोक में इंटक को जेबीसीसीआई से अलग रखा गया है।
सुनवाई के दौरान इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) की ओर से कोर्ट से आग्रह किया गया कि इंटक विवाद में फेडरेशन का कोई रोल नहीं और फेडरेशन को जेबीसीसीआई में शामिल किया जाना चाहिए। जबतक इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन को जेबीसीसीआई में शामिल नहीं किया जाता है तब तक जेबीसीसीआई की गतिविधि पर रोक लगनी चाहिए।
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