बेरमो में संगठन का दीप जलाने वाले ही आज व्यक्ति विशेष से है परेशान
नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। आजसू पार्टी (Ajsu party युवाओं की पार्टी कहलाती है। इस पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर झारखंड राज्य में अपना पहचान बनाये हुई है। उसी पहचान से छोटे से बडे आजसू के नेता जनता के बीच केंद्र से नीचे बात नहीं करते है।
जबकि पूरे राज्य में सभी लोकसभा सीटों में मात्र एक सीट गिरिडीह ही आजसू के पास है। लेकिन गिरिडीह सांसद ने पंचायत से लेकर प्रखंड और जिला तक में सैकडों सांसद प्रतिनिधि बना रखा है।
सांसद के अपने संसदीय क्षेत्र में अधिकांश गैर मौजूदगी में विभिन्न क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि ही उस क्षेत्र के समस्याओं को टटोलते है। इन सांसद प्रतिनिधियों का भी एक व्यक्ति विशेष प्रतिनिधित्व कर रहा है।
जिस कारण बेरमो में संगठन का दीप जलाने वाले ही आज व्यक्ति विशेष से परेशान है। इतना ही नहीं पूरे गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक हब बेरमो कहा जाता है। बेरमो के नाम से चर्चित फुसरो ही मुख्य केंद्र बिंदु है। इसी केंद्र बिंदु में आजसू पार्टी के फुसरो नगर कमेटी गठन के बाद से अंदरूनी कलह शुरू होने लगी है।
इसी बीच सांसद प्रतिनिधि के नाम पर मुख्य भूमिका अदा करने वाले व्यक्ति विशेष युवक अपने को पार्टी के सर्वमान्य नेता के रूप में उभरने का प्रयास कर रहे है। आजसू पार्टी के संगठन से लेकर उसके यूनियन में भी अपना सिक्का जमाने की कोशिश में लगे हुए है। इस प्रयास को अपने अंजाम तक पहुंचने के लिए उनके भक्ति में लीन समर्थकों को ही पार्टी और यूनियन के पद पर जगह दिया जाना सांकेतिक है।
यह सिर्फ इसलिए भी संभव हो पा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद के काफी करीबी बनकर बेरमो के राजनीतिक में आये। इस सीट पर आजसू की जीत के बाद इसी व्यक्ति विशेष ने लोगों को दरकिनार कर भाजपा से भी छल करना शुरू कर दिया। आज यह स्थिति है कि भाजपा के लोग सांसद से नाता तोड़ने के बराबर हो गये है।
जब कभी सांसद बेरमो और आसपास क्षेत्र में आते है, तो बार बार एक ही चेहरे के लोगों से घिरे रहते है। जिस कारण क्षेत्र की जनता भी सांसद से दूरी बनाने लगे है और संगठन में दीप बनकर उजाला का सपना दिखाने वाले अब अंधेरा फैलाने का प्रयास शुरू करने लगे है।
आज की स्थिति आगे भी बनी रही तो, बेरमो में पार्टी की नीब रखने वाले लोग और पुराने पदाधिकारी व कार्यकर्ता विशेष व्यक्ति के खिलाफ उतरने में संकोच नहीं करेंगे। ऐसे में सांसद के पास सिर्फ उनके चाटुकार ही इर्दगिर्द नजर आयेंगे। जिसके बाद फिर से विशेष व्यक्ति को दरकिनार कर बेरमो में आजसू के संगठन का नवनिर्माण शुरू हो जायेगा।
सांसद के नाम पर पहचान बनाने वाले नवनिर्माण संगठन के लोगों से स्वयं गुम हो जायेंगे। इसलिए कहावत भी है बेरमो में जो जितना तेजी से लोगों को दरकिनार कर उभरता है, वह उतना ही तेजी से बेरमो में अपना पहचान खत्म कर देता है।
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