रांची स्थित प्रेस क्लब में जुटे राज्यभर के विभिन्न जिलों के आरटीआई कार्यकर्त्ता
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का 18 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के तत्वावधान में 12 अक्टूबर को रांची प्रेस क्लब में सूचना का अधिकार का 18वां स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों के मंच के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं सहित भारी तादाद में आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष रविकांत पासवान द्वारा किया गया। पासवान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 भारत के समस्त नागरिकों का एक संवैधानिक मौलिक अधिकार कानून है, जिसे देश के हर नागरिक प्रयोग कर सकता है।
उन्होंने कहा कि आम जनता किसी भी सरकारी लोक प्राधिकार से सूचना मांग सकता है और एक्ट में निर्धारित समय सीमा के अंदर उस कार्यालय के जन सूचना पदाधिकारी को आवेदनकर्ता को सूचना दे देनी चाहिए। लेकिन, हर अधिकारी इसका अनुपालन नहीं करते हैं, जो सूचना का अधिकार कानून की घोर अवहेलना है।
मंच के केंद्रीय महासचिव आनंद किशोर पंडा ने कहा कि जहां सूचना नहीं मिलने की स्थिति में आवेदकगणों द्वारा प्रथम विभागीय अपील कर याचित सूचनाओं की मांग किया जाता है, वहां अपीलीय अधिकारी को गंभीरता पूर्वक आवेदक को संबंधित जन सूचना पदाधिकारी से सूचनाएं दिलाना चाहिए, लेकिन वह भी नियत समय पर अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं करते हैं।
जिसके कारण मामला सूचना आयोग में चला जाता है। जहां कब मामले की सुनवाई होगी और कब सूचनाएं दिलाया जाएगा, यह कहना मुश्किल है। यह गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे में सूचना का अधिकार कानून लागू होने का जो मूल उद्देश्य है वह बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
इस अवसर पर मंच के विधि सलाहकार दीपेश निराला ने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार सूचना का अधिकार कानून का घोर दुश्मन है। तभी तो, अपने कार्यकाल में अब तक संवैधानिक संस्था झारखंड राज्य सूचना आयोग को मृत सैय्या पर सुला दिया गया है। निराला ने कहा कि सूचना आयोग में एक भी सूचना आयुक्त नहीं है।
लगभग 25000 आरटीआई का मामला आयोग में लंबित है। ऐसे में भ्रष्ट और निकम्मे अधिकारी गदगद हैं और राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। जिसे राज्य के हर नागरिकों को अपने अधिकार की रक्षा के लिए लड़ाई लड़नी होगी।
कार्यक्रम में गोड्डा के पवन तुरी व प्रदीप कुमार विधार्थी, पाकुड़ के अमित दास, साहेबगंज के लक्ष्मण यादव एवं रीता पासवान, चतरा के अनिल कुमार व गुलाब महतो, लोहरदगा के संजय कुमार पांडेय, गुमला के विरेन्द्र तिर्की, लातेहार के शब्बू सहवाज व बिनोद उरांव, देवघर के दिनेश लाल व् अभिषेक कुमार, खूंटी के अनुज कुमार, सरायकेला -खरसावां के कुंज बिहारी मंडल, गिरिडीह के ब्रजेश कुमार पांडेय, बोकारो के दिगंबर सिंह, आदि।
रांची के प्रमोद कुमार, रेणुका तिवारी, स्वामी दिव्यानंद एवं बिनोद कुमार यादव, सिमडेगा के कृष्ण कुमार, हजारीबाग के जगेश्वर कुमार व विकास कुमार महतो, रामगढ़ के बिक्की कुमार साहू द्वारा संबोधित किया गया। सभी ने सूचना का अधिकार कानून 2005 को मजबूत बनाने पर जोर दिया। साथ ही आरटीआई के प्रति हेमंत सरकार के रवैया पर नाराजगी जताया।
उक्त कार्यक्रम में कई आरटीआई कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता, मजदूर, किसान एवं व्यापारियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष एस. मृदुला द्वारा किया गया। उनके द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की गई।
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