भारतीय सभ्यता और संस्कृति सबसे अलग-अनुराधा साध्वी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। भारतीय सभ्यता और संस्कृति विश्व में सर्वोपरि है। ग्रंथो में रामचरित मानस तथा श्रीमद भागवत उत्तम ग्रंथ है। उक्त बातें 8 जून को उत्तर प्रदेश के गोलाघाट अयोध्या से बोकारो जिला के हद में कथारा एक नंबर यज्ञ में पधारी मुख्य प्रवचन कर्ता व् कथा वाचक अनुराधा सरस्वती ने सीसीएल के अतिथि भवन परिसर में मीडिया से भेंट में कही।

उन्होंने कहा कि उनके पिता वीर सिंह राम विलास उच्च विद्यालय में सेवारत रहने के कारण उनकी प्रारंभिक शिक्षा बेरमो के जवाहरनगर स्थित संत मैरी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने मैट्रिक रामविलास प्लस टू स्कूल बेरमो से की। जबकि ग्रेजुएशन तक की शिक्षा झब्बू सिंह मेमोरियल कॉलेज फुसरो से की है।

इसके बाद उन्होंने हिंदी तथा संगीत विषय से स्नातकोत्तर की। साध्वी अनुराधा के अनुसार उनका अध्यात्म के प्रति झुकाव बचपन से दादा जी के कथा सुनने सुनाने और पढ़ने के कारण रहा है। उन्होंने शिक्षा जगत में जाने के बजाय अध्यात्म के प्रति लगाव के संबंध में बताया कि भगवान हर व्यक्ति को अलग-अलग कार्य के लिए चुना है।

वे आज भी कविता लिखने और संगीत के प्रति झुकाव के कारण गाती भी हैं। उनके अनुसार श्रीराम के द्वारा किए गए संस्कार सर्वोपरि है। प्रभु श्रीराम बड़ों के चरणों में प्रणाम करने एवं झुकने से ही समाज में अग्रणी रूप से पूजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समाज में कई पुराण है। यह सभी को पता नहीं है।

आज ओम नम: भगवते वासुदेवाय का पाठ करते रहने से समाज की विकृति से हम उबर सकते हैं। आज बड़े-बड़े देशों में बुजुर्गों को वृद्धाश्रम भेज दिया जाता है। यह परंपरा हमारे देश में भी हाल के कुछ वर्षो में देखा जा रहा है, जो सही नहीं है। उन्होंने समाज में एकल जीवन अथवा सामूहिक परिवार के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि दोनों में सामूहिक परिवार हीं सर्वोपरि है।

रामचरित मानस में बाली बध के संबंध में उन्होंने कहा कि बाली द्वारा किया जानेवाला कृत्य सामाजिक दृष्टि से कहीं से न्यायोचित नहीं था। इसलिए समाज हित को देखते हुए प्रभु श्रीराम को बाली का बध करना पड़ा।

साध्वी ने बताया कि उन्होंने अबतक इस क्षेत्र में अनेको जगहों पर कथा वाचन कर चुकी है। जिसमें पेटरवार प्रखंड के दांतू, गोमियां प्रखंड के साड़म, हजारी, बरकी पुन्नू आदि स्थल शामिल है। उन्होंने कहा कि बचपन यहां गुजारने के कारण उन्हें यहां से विशेष लगाव रहा है।

 284 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *