एक्टू का 5वां राज्य सम्मेलन संपन्न
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। वर्तमान केंद्र की मोदी सरकार ने श्रम कानूनों को खत्म कर पूरी संवैधानिक ढांचा को ही ध्वस्त कर दिया है।कंपनियां पूरी तरह निरंकुश होती जा रही है। चार श्रम कोड मजदूरों के गुलामी का दस्तावेज है।
मनुस्मृति की तरह कोड बनाने की कोशिश की जा रही है। निजीकरण के नाम पर देश की सार्वजनिक संपत्ति निजी कंपनियों के हाथों बेचा जा रहा है। इसी को सुलभ करने के लिए राष्ट्रिय मुद्रीकरण की नीति लाई गई है। राष्ट्रवाद के नाम पर देश को बर्बाद करने की साज़िश का कड़ा प्रतिरोध करना होगा।
उपरोक्त बातें 6 नवंबर को बोकारो जिला के हद में कथारा आफिसर्स क्लब में ऑल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड (एक्टू) झारखंड का 5वां राज्य सम्मेलन का उद्घघाटन करते हुए राष्ट्रीय महासचीव राजीव डिमरी ने कहा। वे 6 नवंबर को ऑफिसर्स क्लब कथारा में एक्टू के राज्य सम्मेलन के उद्घघाटन में मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि देश को उन्मादी राष्ट्रवाद की ओर ले जाया जा रहा है। मजदूरों के बीच नफरती उन्माद फैलाया जा रहा है। कहा कि जी20 द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व गुरु साबित करने की कोशिश की जा रही है। आज देश भुख, गरीबी, बेकारी मामले में अव्वल है। जिसे वैश्विक भूख सूचकांक ने साफ कर दिया है। देश में बुनियादी बदलाव के बजाय सुधारवादी तरीके अपनाया जा रहा है।
मजदूरों का पैर धोना, फूल बरसाना इसी की कड़ी है। कहा कि देश में आंदोलनों की रफ्तार बंदे भारत और बुलेट ट्रेन से ज्यादा तेज है। कहा कि मजदूरो के साथ किसानो की एकता देश में नया बदलाव लाएगी। मजदूर किसान की एकता ही मोदी सरकार की विदाई सुनिश्चित करेगी।
राष्ट्रीय महासचीव डिमरी ने कहा कि इंडिया गठबंधन देश में नया बदलाव लाएगा। किसान मजदूरों के आन्दोलन इंडिया गठबंधन की ताकत को मजबूत करेगी, जो देश में कंपनी राज को समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि मजबूत सांगठनिक ताकत, जन गोलबंदी और मज़बूत कार्यकर्ताओं के ढांचे के बल पर मोदी सरकार की सत्ता से स्थायी छुटकारा पाया जा सकता है। बदले परिस्थिती में मजदूर आन्दोलन को आगे बढ़ाने का नया अवसर और संभावना मौजूद है, जिसे साकार करना होगा।
सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए राज्य अध्यक्ष देवदीप सिंह दिवाकर ने कहा कि कोयलांचल की गर्मी मजदुर आन्दोलन में नई ऊर्जा पैदा करेगी। कोयला, स्टील, निर्माण, स्कील वर्कर, ऊर्जा, सफाई क्षेत्र समेत विभिन्न ओद्योगिक केन्द्रों से जुडे राज्य के 18 जिलों से कूल 250 प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल थे।
सम्मेलन से पूर्व मजदूर आंदोलन के शहीदों, औद्योगिक घटनाओं में मृत मजूदरों और इसराइल हमले में मृत हज़ारों बेकसुर फिलिस्तिनी नागरिकों के प्रति दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
राज्य सम्मेलन के मुख्य पर्यवेक्षक बिहार के वरिष्ट मजदूर नेता आर एन ठाकुर ने झंडोतोलन किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद एक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने मसविदा रिपोर्ट विचार के लिए सदन में प्रस्तुत किया।
सम्मेलन की अध्यक्षता पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया, जिसमे गीता मंडल, अरुण सहाय, सुसीला तिग्गा, बैजनाथ मिस्त्री, सुशीला सिंह ने संयुक रूप से किया। संचालन भुवनेश्वर केवट, कार्तिक हाड़ी, अमल घोष, बिजेंद्र प्रसाद ने किया।
सम्मेलन में भुनेश्वर बेदिया, शेख सहदूल, विजय पासवान, महेश सांवरिया, मुकुल भट्ठाचार्य, एस के राय, आर पी वर्मा समेत कई प्रतिनिधि मंडल शामिल थे। सम्मेलन में मुख्य व्यवस्था कॉमरेड विकास सिंह, कॉ बालेश्वर गोप, कॉ जे एन सिंह, कॉ नरायण केवट आदि का रहा।
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