युद्ध स्तर पर काम शुरू कर समस्या समाधान करे विद्युत विभाग-सुरेन्द्र
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। विगत चार दिनों से समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर स्थित कर्बला पोखर, थाना चौक समेत नगर परिषद एवं प्रखंड क्षेत्र के कई अन्य ट्रांसफार्मर या तो जल गया है या कई अन्य ट्रांसफार्मर, तार एवं केबल आदि खराब रहने से विधुत आपूर्ति बाधित है। इसे दुरूस्त करने के बजाय विधुत अधिकारी द्वारा स्टोर में सामान उपलब्ध नहीं रहने का बहाना बनाकर कुंभकर्णी निद्रा में सोई है।
विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ 12 अक्टूबर को इनौस कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर विधुत अधिकारियों का पूतला फूंककर विरोध जताया।
जानकारी के अनुसार विधुत अनापूर्ति से आक्रोशित ताजपुर वासियों को साथ लेकर इनौस कार्यकर्ताओं ने मांगों से संबधित नारे लिखे तख्तियां, झंडे, बैनर लेकर नारे लगाते हुए अस्पताल चौक से जुलूस निकाला। जुलूस बाजार क्षेत्र का भ्रमण कर पुनः अस्पताल चौक पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया।
सभा को संबोधित करते हुए इनौस जिला सचिव आसिफ होदा ने कहा कि ताजपुर में विधुत अनापूर्ति समेत अन्य कारणों से पहले ही कई उद्योग- धंधे एवं संस्थान बंद हो चुके हैं। अगर विधुत संकट ऐसे ही चलता रहा तो बचे- खुचे व्यवसाय, धंधे, संस्थान भी समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने बेहतर एवं विकसित ताजपुर बनाने के लिए कम से कम निर्बाध 22 घंटे विधुत आपूर्ति के लिए ताजपुर वासियों से संघर्ष चलाने का आह्वान किया।
किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि जेई केशव कुमार के आदेश पर विधुत ठेकेदार रामानंद द्वारा मोतीपुर में कृषि कनेक्शन हेतु 5 ट्रांसफार्मर लगाने के स्थल निरिक्षण, रूट एवं स्टीमेट बनाकर अगस्त महीने में कार्य पूरा करना था, लेकिन आज तक कार्य की शुरूआत भी नहीं की गई।
सभा की अध्यक्षता इनौस प्रखंड उपाध्यक्ष मो। एजाज ने की। मौके पर मनोज साह, मो. शकील, मुकेश कुमार गुप्ता, मो. शादान, मो. नेहाल, मो. चांद, मो. नौशाद, मो. सदीक, रौकी खान, वाहीद होदा, राजू राय, ललन दास, मो. चांदबाबू आदि ने सभा को संबोधित किया।
यहां बतौर मुख्य अतिथि भाकपा माले समस्तीपुर जिला स्थायी समिति सदस्य एवं ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए 22 घंटे विधुत आपूर्ति होने तक संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि युद्ध स्तर पर काम शुरू कर समस्या का समाधान करे विद्युत विभाग, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। अंत में विधुत अधिकारियों का पूतला फूंक कर विरोध दर्ज कराया गया।
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