सावरकर के जन्म पर संसद भवन का उद्घाटन संविधान बदलने की साज़िश-दीपंकर

पूर्व विधायक रामदेव वर्मा के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में जुटे महागठबंधन के नेता

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में विभूतिपुर के पूर्व विधायक और चर्चित कम्युनिस्ट नेता रामदेव वर्मा के पहले स्मृति दिवस पर 22 मई को उनके पैतृक गांव पतेलिया में उनकी आदमकद मूर्ति का अनावरण किया गया। मूर्ति का अनावरण भाकपा – माले के महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने किया।

मौके पर बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता, भाकपा – माले के कई विधायक, जनता दल यूनाइटेड, आरजेडी व सीपीआई के दर्जनों राजनेता उपस्थित थे।

कॉ रामदेव वर्मा के मूर्ति अनावरण में भाकपा – माले की केंद्रीय समिति सदस्य, पूर्व विधायक और उनकी पत्नी मंजू प्रकाश ने बड़ी भूमिका निभाई है। हजारों की संख्या में मजदूर – किसानों – महिलाओं और छात्र – नौजवानों ने इस अवसर प मुट्ठी बांधकर रामदेव वर्मा के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।

मूर्ति अनावरण के अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कॉ दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि रामदेव वर्मा के अंदर उम्र के अंतिम पड़ाव में भी लाल झंडे को ऊंचा उठाने की जो प्रतिबद्धता थी, वही हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। आज देश बहुत मुश्किल दौर में है।

यदि 2024 में मोदी फिर से सत्ता में आ गए तो देश मे कभी चुनाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है। मोदी बजरंगबली के नाम पर वोट मांगते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एक समय था जब बाल ठाकरे पर कार्रवाई की गई थी। आज सब कुछ मोदी की पाकेट संस्थाएं हो गई है।

कॉ दीपांकर ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र के सिद्धान्तकार और माफ़ीवीर सावरकर के जन्म दिन 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन किया जा रहा है। इसका मतलब साफ़ है कि भाजपा अंबेडकर के संविधान को ख़त्म कर देना चाहती है।

वह देश को एक दूसरी ही दिशा में ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इस देश के गरीबों को चाहिए,  अम्बानी अडानी को नहीं। इसलिए आज सभी लोकतंत्र पसंद और संविधान के पक्ष में खड़ी ताकतों को एकजुट होकर ऐसी ताकतों को पीछे धकेलना होगा।

माले महासचिव ने आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दिन पहले बिहार की राजधानी पटना जिला के हद में नौबतपुर के इलाके में एक बाबा आए थे। उनकी बात भाजपा से मिलती है। भाजपा भी हिंदू राष्ट्र की बात करती है और बाबा भी हिंदू राष्ट्रवाद पर उन्माद पैदा करके गए हैं।

उसी के बाद सरासत गांव की घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार में उन्माद उन्माद फैलाकर 2024 का चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन याद रखना चाहिए कि बिहार बुद्ध के जमाने से सामाजिक बदलाव की धरती रही है। यहां से हिंदू राष्ट्र का उद्घोष नहीं बल्कि 2024 के चुनाव में केंद्र की सत्ता से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संदेश जा रहा है।

जानकारी के अनुसार दिल्ली मे होने के कारण बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तो नहीं आए लेकिन उन्होंने अपना वीडियो संदेश भेजा। तेजस्वी ने कहा कि रामदेव वर्मा ने जीवन भर जिन मूल्यों के लिए संघर्ष किया, हमारे लिए प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि वे रामदेव वर्मा की मूर्ति पर माल्यार्पण करने जरूर आयेंगे। हम सब मिलकर भाजपा को हटाएंगे, यही रामदेव वर्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सभा कॉ संबोधित करते हुए आलोक मेहता ने कहा कि रामदेव वर्मा ने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया। हम उनसे प्रेरणा लेने का काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब अंबेडकर के संविधान पर हमला किया जा रहा है। जो लोग धर्म की राजनीति करते हैं, उन्हें कर्नाटक की जनता ने सबक सिखा दिया है।

शशि यादव ने कहा कि आज मोदी राज मे महिला पहलवानों को यौन उत्पीड़न के खिलाफ़ सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। पहले एफआईआर नहीं होता।  एफआईआर होता है तो आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं होती। मोदी सरकार कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ा रही है। विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि बिहार कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट आंदोलन की धरती है।

यहां आरएसएस का नहीं चलने वाला है। धीरेन्द्र झा ने कहा कि मूर्ति अनावरण के पहले वाम लोकतांत्रिक पुनर्जागरण यात्रा केवटी, दोमे, कोयल स्थान दरभंगा शहर होते हुए आज यहां पहुंचा है। अंबानी अदानी की पार्टी भाजपा-आरएसएस को बिहार से मुँहतोड़ जवाब मिलेगा। मौके पर बड़ी संख्या में वाम दल, जदयू, राजद समर्थक उपस्थित थे।

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