बोकारो, रामगढ़ एवं हज़ारीबाग़ को 1240 करोड़ 57 लाख के 50 योजनाओं की सौगात
गरीब बच्चे- बच्चियों को क्वालिटी एजुकेशन व् भविष्य को भी संवार रहे हैं-हेमंत
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राज्य की मजबूती के लिए आधारभूत संरचनाओं का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है। इसी सोंच और इरादे के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए एक अक्टूबर को बोकारो जिला के हद में चंदनक्यारी प्रखंड के चंडीपुर में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य, सड़क परिवहन और ऊर्जा के क्षेत्र में तीन बड़ी सौगात सहित 50 विकास योजनाओं का ऑनलाइन उद्घाटन -शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने यहां 500 बिस्तर की क्षमता वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की आधारशिला रखी। वहीं, बोकारो जिला के हद में तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन ललपनिया में 500 मेगावाट का सोलर पावर स्टेशन और रामगढ़ जिला के हद में पतरातू में रेल ओवरब्रिज का ऑनलाइन शिलान्यास कर विकास की एक नई इबारत लिखी।
इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य की लड़ाई इसलिए लड़ी गई थी कि यहां की आर्थिक गतिविधियों में आदिवासियों -मूलवासियों को रोजगार और अधिकार मिले। लेकिन, अलग राज्य गठन के 20 वर्षों तक यहां के आदिवासी -मूलवासियों को आर्थिक गतिविधियों से अलग रखने का कार्य किया जाता रहा।
उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने यहां के सभी निजी संस्थानों में स्थानीय रहिवासियों को रोजगार दिलाने के लिए नीति बनाई। इसी नीति का नतीजा है कि राज्य में संचालित कल- कारखानों और संस्थानों में स्थानियों को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड में विस्थापन हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है। यहां उद्योग- धंधे के लिए जमीन अधिग्रहण कर लिया जाता है। लेकिन, जो विस्थापित होते हैं, उन्हें वर्षों तक उनका हक- अधिकार नहीं मिल पाता है। विस्थापितों की पीढ़ी- दर- पीढ़ी अपने वाजिब हक के लिए लगातार संघर्ष करती रहती है।
कई मामलों में तो ऐसा लगता है कि कल -कारखाने लगने के साथ विस्थापित ना जाने कहां गुम हो जाते हैं। हमारी सरकार विस्थापितों के दुःख- दर्द से भली भांति वाकिफ है। ऐसे में उन्हें उनका हक अधिकार मिले। राज्य सरकार उनके साथ साथ है। उन्होंने कहा कि गरीबों का जीवन हमेशा से ही संघर्षमय है।
हमारी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में नई पहचान बनाते हुए जन -जन तक पहुंच रही है। हम गांव को समृद्ध कर रहे हैं और गरीब कैसे आगे बढ़े, इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। हमारी ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से गरीबों के जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने का काम हो रहा है।
सीएम सोरेन ने कहा कि आज भी झारखंड के ऐसे कई गांव है, जहां के रहिवासियों ने कभी प्रखंड कार्यालय नहीं देखा। ऐसे भी हैं जो पेंशन और राशन कार्ड बनवाने के लिए ब्लॉक ऑफिस का बार-बार दौड़ लगाकर थक जाते थे, पर उनका काम नहीं बनता था। हमारी सरकार रांची मुख्यालय से नहीं बल्कि गांवों से चल रही है। आज अधिकारी आपके दरवाजे पर पहुंचकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
सरकार की योजनाओं से जोड़कर आपको सशक्त बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों और देशों में रोजगार के लिए जाते हैं। ऐसे में देश-विदेश में काम कर रहे मजदूरों को मुश्किल की घड़ियों में सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है।
दुनिया के किसी भी कोने में अगर इस राज्य के किसी मजदूर की मौत किसी भी परिस्थिति में होती है, तो उसके पार्थिव शरीर को उसके घर तक पहुंचाने का जिम्मा सरकार उठाती है। अगर यहां के मजदूर विदेश में फंस जाते हैं तो उन्हें उनके घर वापस लाने के साथ उन्हें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराते है। हमारी सरकार हर परिस्थितियों में मजदूरों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर वर्ग और तबके को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं हैं। आज हर बुजुर्ग को पेंशन मिल रहा है। महिलाओं को सम्मान राशि देने का ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। किसानों के दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ हो चुका है। 200 यूनिट बिजली फ्री देने के साथ बकाया बिजली बिल माफ का दिया गया है। इसके अलावा अनेकों और योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से राज्यवासियों को सशक्त बना रहे हैं।
गरीब बच्चे- बच्चियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के साथ उनके भविष्य संवार रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब बच्चे- बच्चियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के साथ उनके भविष्य को संवारने का काम सरकार कर रही है। निजी विद्यालयों के तर्ज पर स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खोले गए हैं, जहां गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा मिल रही है। बच्चियों की पढ़ाई पैसे की तंगी के कारण नहीं रुके, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा गया है। इस राज्य के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जर्नलिस्ट बनें, इसके लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत सरकार अपनी गारंटी पर 15 लाख रुपए तक का शिक्षा लोन दे रही है।
राज्य के मेधावी विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप दी जा रही है। सभी छात्रावासों का मरम्मत हो रहा है, जहां रहने वाले विद्यार्थियों के भोजन की भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी जिलों में श्रम आवासीय विद्यालय खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ताकि यहां के मजदूरों के बच्चों को अच्छी और गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग जिले को 1240 करोड़ 57 लाख रुपए की 50 योजनाओं की सौगात दी। इसमें 1204 करोड़ 11 लाख रुपए की 48 योजनाओं का शिलान्यास और 36 करोड़ 40 लाख रुपए की दो योजनाओं का उद्घाटन शामिल है। इसमें बोकारो जिले में 1081 करोड़ 61 लाख की लागत से 46 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
वहीं, रामगढ़ जिले में 108 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से एक योजना का शिलान्यास तथा हज़ारीबाग़ जिले में 36 करोड़ 46 लाख की दो योजनाओं का उद्घाटन एवं 13 करोड़ 97 लाख की एक योजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया।
इनमें जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास हुआ, उसमें बोकारो जिला में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन ललपनिया में 50 मेगावाट का सोलर पावर स्टेशन, रामगढ़ के पतरातू में रेलवे ओवरब्रिज और हजारीबाग में झील का ब्यूटीफिकेशन शामिल है। जबकि, हजारीबाग नगर निगम के नए भवन को मुख्यमंत्री ने वहां की जनता को समर्पित किया।
इस अवसर पर झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री बेबी देवी, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल (अनुप सिंह), गोमियां विधायक डॉ लंबोदर महतो, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र महतो, राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर, झारखंड सरकार के सचिव अरवा राजकमल, डीआईजी कोयला क्षेत्र सुरेंद्र कुमार झा सहित बोकारो जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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