नये नियम से हाजिरी बनाने के विरोध में मजदूरों ने किया पीओ का घेराव

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के कथारा कोल वाशरी में 2 सितंबर की सुबह वाशरी के सैकड़ों मजदूरों ने नए सिस्टम से हाजिरी बनाने का विरोध करते हुए पीओ का घेराव किया। स्थानीय पुलिस प्रशासन (Police Administration) और मजदूर प्रतिनिधियों के अनौपचारिक वार्ता के बाद पुन: इस विषय पर वार्ता करने की सहमति के बाद ही मामला शांत हो सका।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 सितंबर की सुबह कथारा वाशरी वन फाइव पीओ कार्यालय में नए सिस्टम से हाजिरी बनाने के निर्णय का विरोध करते हुए वाशरी में कार्यरत सैकड़ों मजदूर एकजुट होकर पीओ विजय कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

पीओ द्वारा तत्काल इसकी सूचना क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी चंदन कुमार तथा कथारा ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह को दी गई। सूचना पाकर उपरोक्त दोनों अधिकारी कथारा वाशरी के सुरक्षा प्रभारी नवल किशोर शुक्ला, महाप्रबंधक कार्यालय के सुरक्षा कर्मी संजय कुमार, देवांशु कुमार दल बल के साथ वाशरी पहुंचे। इस दौरान श्रमिक प्रतिनिधियों द्वारा पीओ के इस निर्णय को तानाशाही करार दिया गया।

इस संबंध में श्रमिक नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रबंधन द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से मजदूरों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन का यह निर्णय अपरिपक्वता को दर्शाता है।

सिंह ने कहा कि प्रबंधन को चाहिए था कि मुख्यालय स्तर पर कोई निर्णय लिया जाता है तो पीसीसी अथवा सीधे मजदूरों के बीच जाकर उक्त बातों को रखना और समझाना, न कि सीधे फरमान सुना देना। उन्होंने कहा कि वाशरी के कामगार मेहनतकश हैं। वे किसी की दलालीगिरी नहीं करते।

श्रमिक नेता एम एन सिंह ने कहा कि प्रबंधन को चाहिए था कि मजदूरों के बीच जाकर वार्ता करने का। जबकि पीओ अपने कक्ष में छुप गए। जिससे मजदूरों में आक्रोश बढ़ा। रामविलास राजवार ने कहा कि नए नियम के अनुसार कामगारों के हाजिरी बही में इन एवं आउट को इंगित करना है, जो पूर्व से आज तक नहीं हुआ। जिसका मजदूर जमात विरोध करते हैं।

इस संबंध में परियोजना पदाधिकारी विजय कुमार तथा कार्मिक प्रबंधन के एल यादव ने कहा कि मुख्यालय द्वारा फॉर्म डी के तहत हाजिरी बनाने की प्रक्रिया 1 सितंबर से लागू करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि वैसे मजदूर केवल हाजिरी बना कर भाग जाते हैं उनके लिए यह नियम कष्टप्रद है। इसलिए वैसे ही लोग इसका विरोध करते हैं।

बताया जाता है कि प्रबंधन और मजदूरों के बीच उत्पन्न गतिरोध को दूर करने को लेकर 3 सितंबर को पीओ कार्यालय सभागार में पीसीसी बैठक का आयोजन किया गया है। देखना है कि निर्णय क्या होगा?

विरोध प्रदर्शन करने वालों में उपरोक्त के अलावा श्रमिक नेता दिलीप कुमार, रामेश्वर कुमार मंडल, कृष्णा बहादुर, सर्वजीत कुमार पांडेय, कमल कांत सिंह, दिलीप यादव, मो. कयूम, प्रदीप मोदक, मो. आसिफ, सुदामा कुमार सहित सैकड़ो कामगार मौजूद थे।

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