गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार (Bihar) में शराब बंदी कानून को लागू हुए 5 वर्ष से अधिक हो गए लेकिन बिहार में आज भी शराब हर जगह उपलब्ध है।
शराब बन्दी कानून की वजह से लाखों बेरोजगार युवा अवैध शराब के धंधे से बर्बाद हो गए, जब कि बड़े शराब माफिया मालामाल हो रहे हैं। खास यह कि सरकारी तंत्र के दावों के बाद भी बिहार में थमने का नाम नहीं ले रहा है अवैध शराब का धंधा।
वैशाली जिले में चल रहे अवैध शराब के धंधे की भयावहता का इस तथ्य से पता चलता है कि सिर्फ वैशाली जिले में गत एक सवा महीने में शराब बंदी कानून के अंदर 196 मामले दर्ज हुए। पुलिस ने 350 लोगों को जेल भेज दिया है। इस दौरान जिले के हर थाना क्षेत्र में हजारों लीटर विदेशी शराब भी बरामद हुये हैं।
बताया जाता है कि शराब माफियाओं का नेटवर्क बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड, बंगाल के अलावे हरियाणा दिल्ली तक फैला है। जहाँ से विदेशी शराब की खेप बिहार में पुलिस प्रशासन (Police Administration) के सहयोग से आता है। सरकार (Government) द्वारा इस कानून को सख्ती से लागू करने के लिये कई पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई है।
बावजूद इसके अबैध शराब का धंधा रुकने वाला नहीं है, क्योंकि बिहार के सभी पड़ोसी राज्यों में शराब की खुली छूट है। बिहार में सीएम नीतीश (CM Nitish) की जिद की वजह से बिहार के युवा बर्बाद हो रहे है।
कोर्ट में मुकदमों का बोझ बढ़ा है, जिससे न्यायालय का कार्य प्रभावित हो रहा है। खास यह कि वैशाली जिला (Vaishali district) के हद में बीते 17 मई को महुआ थाने की पुलिस ने इस थाने के पहाड़पुर गांव से एक मोटर वाहन से सैकड़ो लीटर अंग्रेजी शराब का खेप जप्त किया है।
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