एस. पी. सक्सेना/बोकारो। पुलिस के उच्च पदाधिकारी तथा बोकारो जिला प्रशासन के लाख कोशिशों के बाद भी स्थानीय स्तर पर अवैध कोयला, बालू तथा लोहे का व्यापार बदस्तूर जारी है। इसमें स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिखती है, जिसके कारण अवैध धंधेबाजों की बल्ले बल्ले है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड क्षेत्र के झिरकी तथा सरहचिया के जंगलों में अवैध कोयला डिपू संचालित है। बताया जाता है कि यहां से सप्ताह में दो से तीन ट्रक कोयला अवैध धंधेबाजों द्वारा तस्करी कर दूसरे राज्यों में ऊंचे दाम पर बेच दिया जाता है।
सूत्र बताते हैं कि उक्त अवैध कोयला डिपू का संचालक स्थानीय झिरकी रहिवासी दो युवक तथा मुख्य सरगना साड़म दलाल टोला रहिवासी है, जिसके द्वारा सीसीएल कथारा क्षेत्र के कथारा कोलियरी तथा वाशरी से बड़े पैमाने पर प्रतिदिन मोटरसाइकिल, स्कूटर और साइकिलों की मदद से स्टीम कोयला चोरी कर उक्त अवैध डिपू में जमा किया जाता है।
इस कार्य में सीसीएल के सुरक्षाकर्मियों तथा स्थानीय पुलिस की मिलीभगत की भी संभावनाएं जताई जा रही है। यही हाल यहां स्थित सीसीएल कथारा क्षेत्र के असनापानी स्थित बंद पड़े कैप्टिव पावर प्लांट का भी है, जहां से प्रतिदिन दस से बीस टन लोहे की तस्करी बदस्तूर जारी है। साथ हीं असनापानी स्थित चाँपी घाट से जारंगडीह पुल तक अवैध रूप से बालू ढूलाई कर तस्कर मालामाल हो रहे है।
इस संबंध में पुछे जाने पर कथारा ओपी प्रभारी जितेश कुमार ने बताया कि उक्त कोयला डिपू स्थल उनके ओपी क्षेत्र से बाहर है, बावजूद इसके वे इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का प्रयास करेंगे।
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