खंडहर में तब्दील होटल अशोक को नहीं खोला गया तो आंदोलन-नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। वर्ष 1985 में एकीकृत बिहार मे निर्मित झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा में स्थित झारखंड का गौरव होटल अशोक को अगर जल्द खंडहर होने से नहीं बचाया गया तो संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी जोरदार आंदोलन करने का कार्य करेगी। जिसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार पर होगी।

उपरोक्त बातें 23 फरवरी को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी झारखंड व् छत्तीसगढ़ विजय शंकर नायक ने 23 फरवरी को कही। उन्होंने कहा कि राज्य का गौरव होटल अशोक केंद्र एवं राज्य सरकार के उपेक्षा के कारण खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। सरकार मुक दर्शक बनकर तमाशा देख रही है, जिसे संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा। पार्टी इसे लेकर अब आर पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होगी।

नायक ने बताया कि रांची शहर एवं राजधानी की धरोहर होटल अशोक को 29 मार्च 2018 को बंद कर दिया गया। कहा कि 30 साल पुराने होटल अशोक की हालत आज बेहद खराब हो गई है।
उन्होंने कहा कि एक समय सिटी की धरोहर माने जाने वाले इस होटल की बर्बादी का आलम यह है कि अब यह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। होटल की दीवारों पर काई की परत जम गई है।

पूरे परिसर में झाडि़यां उग आई हैं। अंदर जो सामान रखे थे, वे भी धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। कमरों की भी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब इस होटल को खोलने से पहले इसका मेकओवर करना होगा। कहा कि एक समय यह होटल रांची की शान था। उन्होंने बताया कि उक्त होटल बीते 6 साल से बंद है। अब धीरे-धीरे होटल की बिल्डिंग बर्बाद होती जा रही है। पिछले कई सालो से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

नायक ने कहा कि वर्ष 2016 में ही राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था कि होटल रांची अशोक के सभी शेयर झारखंड सरकार खरीदेगी। जिसके तहत 22 अक्टूबर 2016 को हुई कैबिनेट की बैठक भी हुई थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि सौ फीसद शेयर के साथ राज्य सरकार को इस होटल का मालिकाना अधिकार मिलने का रास्ता साफ किया जाय, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

झारखंड टूरिस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेटीडीसी) की इस होटल मे 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बिहार टूरिज्म की 36.5 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी 12.5 फीसदी जेटीडीसी के पास है।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने केंद्र से रांची के प्रतिष्ठित होटल अशोक के स्वामित्व को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया था, मगर स्वामित्व का हस्तांतरण कई वर्षो से अधिक समय से लंबित है।

उन्होंने बताया कि भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) ने 24 नवंबर 2020 को होटल में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी 10 करोड़ रुपये में स्थानांतरित करने के लिए झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें से 6 करोड़ रुपये 25,000 शेयरों की खरीद के लिए और 4 करोड़ रुपये बकाया देनदारियों के लिए थे।

नायक ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा था की जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हमारा प्रयास है कि इस होटल को राज्य सरकार के स्वामित्व में लाया जाए। पैसा जमा करने सहित सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद हमें अभी तक होटल का स्वामित्व नहीं मिला है।

तब सोरेन ने यह भी कहा था कि एक केंद्रीय मंत्री ने मुझसे कहा है कि वह होटल अशोक की चाबी खुद सौंपेंगे। इसके लिए उन्हें कैबिनेट की बैठक करने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि एक साल से अधिक समय में कैबिनेट की बैठक नहीं हुई। होटल जर्जर होता जा रहा है। पूर्व के उच्च न्यायालय के पास डोरंडा में 2.7 एकड़ प्रमुख भूमि पर निर्मित उक्त होटल ने 1987 में आईटीडीसी और बिहार पर्यटन के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में परिचालन शुरू किया था।

जब रांची अविभाजित बिहार का हिस्सा था। नवंबर 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद नए राज्य को 12.5 प्रतिशत हिस्सा दिया गया, क्योंकि जिस जमीन पर होटल बना है वह अब झारखंड सरकार की संपत्ति है । संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी को उम्मीद है कि यह होटल जो 2018 से निष्क्रिय है, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। होटल के कुल स्वामित्व के लिए शेष 36.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पहले ही बिहार सरकार से संपर्क कर चुके हैं।

नायक ने यह भी कहा है कि”बिहार सरकार ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। वर्ष 2018 के अप्रैल में इस होटल के कुल 32 कर्मचारी थे, जिन्हें वीआरएस लेने का ऑप्शन दिया गया था। इनमें से चार कर्मचारियों ने वीआरएस लिया था। शेष 28 अपनी मांगों पर अड़े थे। पिछले साल तंगी के कारण एक कर्मचारी की मौत हो गई। इसके अलावा तीन कर्मचारी बिना किसी लाभ के रिटायर हो गए।

अब बचे हुए 24 कर्मचारी इस होटल को जल्द से जल्द खोलने और कर्मचारियों का बकाया वेतन देने की मांग कर रहे हैं। सरकार राज्य इस गंभीर विषय पर विचार करें, अन्यथा संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी चरणबद्ध आंदोलन करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक होटल अशोक को पुनः खोला नहीं जाएगा, तबतक आंदोलन जारी रहेगा।

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