ममता सिन्हा/तेनुघाट(बोकारो)। तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसडीजेएम संजीत कुमार चंद्र (SDJM Sanjeet Kumar Chandra) की अदालत ने 7 अप्रैल को दहेज मामले में दोषी पाने के बाद पति आनंद दत्ता, ससुर गुरुपद दत्ता एवं सास मंजू दत्ता को 3 वर्ष की कारावास एवं 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद अभियुक्तों के द्वारा इस सजा के विरुद्ध बोकारो जिला जज के न्यायालय में अपील करने के लिए जमानत पर छोड़ा गया है।
बताते चलें कि परिवादनी जरीडीह थाना के हद में केंदुवाडीह निवासी डोली दत्ता ने तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम की अदालत में एक परिवाद पत्र वर्ष 2011 में दायर की थी। जिसमें बताया गया था कि उसकी शादी 2 मार्च 2010 को चंदनकियारी निवासी आनंद दत्ता के साथ हुई थी। शादी के दो महीने बाद से ही दहेज के लिए उसके पति एवं ससुराल के लोग प्रताड़ित करते थे। उससे एक लाख रुपये एवं जेवरात की मांग किया करते थे। दहेज नहीं देने के कारण उसके साथ मारपीट करते थे। जब यह बात उसने अपने मायके वालों को बताई, तो 27 जुलाई 2010 को मायके वाले ससुराल पहुंच कर समझाने की कोशिश किए। मगर ससुराल वाले नहीं माने और मारपीट करने लगे। साथ हीं उसे घर में रखने से इंकार कर दिया। फिर समझाने बुझाने के बाद 10 अक्टूबर 2010 को ससुराल वाले उसे विदा करा कर ले गए। मगर कुछ दिन बाद फिर प्रताड़ित करने लगे। इस बीच उसे एक बच्चा भी हुआ, मगर ससुराल वाले प्रताड़ित करते रहे। वर्ष 2011 में बच्चे के साथ उसे घर से निकाल दिया गया। उसके बाद परिवादिनी डोली दत्ता ने तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम की अदालत में मुकदमा दायर किया। जिसे जांच साक्ष्य के लिए एसडीजेएम चन्द्र के न्यायालय में स्थानांतरित किया गया।
न्यायालय में परिवादनी की ओर से प्रस्तुत गवाह एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद एसडीजेएम चंद्र ने अभियुक्त आनंद दत्ता(पति), गुरुपद दत्ता(श्वसुर) एवं मंजू दत्ता(सास) को दहेज प्रताड़ना के मामले में दोषी पाने के बाद 3 वर्ष की सजा एवं 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 9 माह की अतिरिक्त सजा होगी। सजा सुनाने के बाद अभियुक्तों के द्वारा इस सजा के विरुद्ध बोकारो जिला जज के न्यायालय में अपील करने के लिए अभियुक्तों को जमानत पर छोड़ दिया गया।
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