सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। मंदिर एक ऐसा स्थान होता है, जहां मानवता का निर्माण किया जाता है। मंदिर में आयोजित सत्संग मानव को मानवीय ज्ञान का बोध करा कर, उसे सत मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
मानव को सत्संग से सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उक्त बातें पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में बड़ाजामदा सत्संग बिहार में आयोजित संध्या पूजन एवं बैठक के दौरान रित्विक अमरनाथ ठाकुर ने कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सत्संग विहार बड़ाजामदा में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन ठाकुर अनुकूल चंद्र के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से किया जा रहा है। मंदिर के कार्यक्रमों में सबसे पहला प्रयास यह होता है कि मंदिर के सत्संग विहार में आने वाले लोगों के अंदर जो भी बुराइयां हैं, उसका निराकरण हो।
उन्होंने कहा कि मंदिर के आयोजित संध्या पूजन में मंदिर के अंदर शेड बनाने, साफ सफाई का आयोजन करने तथा मंदिर के आसपास की सड़को पर दौड़ रही वाहनों के धूलकणों से बचने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि, बैठक में कोरोना वायरस कार्यकाल के कारण विगत दो वर्षो से बंद संत्सग नगर देवघर से लौटे सत्संगियों ने अपने विचार रखे।
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