होलिका दहन के साथ सारण जिला में हर्षोल्लासपूर्वक होली प्रारंभ

देश के प्रत्येक प्रह्लाद की सुरक्षा का लिया गया संकल्प

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला में 13 मार्च की रात्रि में हर्षोल्लास के साथ होलिका दहन महोत्सव संपन्न हो गया। इसके साथ हीं पुरे सारण जिला में होली पर्व प्रारंभ हो गया।

होलिका दहन के मौके पर अनेक स्थानों पर होलिका दहन के समय उत्सव में शामिल आम व् खास जनों ने क्रूर आचरण के व्यक्तियों से देश के प्रत्येक प्रह्लाद को बचाने का संकल्प लिया।

जानकारी के अनुसार जिला के हद में सोनपुर के सुप्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर के प्रांगण में होलिका दहन की संध्या आयोजित हरिहरक्षेत्र होली महोत्सव में गायक कलाकारों ने होली गायन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत बाबा विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने किया।

इस अवसर पर मंदिर न्यास के उपाध्यक्ष विनोद सिंह सम्राट, सचिव विजय कुमार सिंह लल्ला, कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार, मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री, पवन शास्त्री, सूबेदार जी, सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह की सक्रिय भागीदारी रही। सोनपुर के मही नदी किनारे राहर दियारा चौक स्थित दुखहरणी दुर्गा माई स्थान पर भी होली गायन आयोजित किया गया।

सोनपुर के ही सबलपुर बभनटोली में भी होलिका दहन के रात्रिकालीन बेला में होलिका दहन के लिए जाने के समय सर्वप्रथम जमुना सिंह महावीरी अखाड़ा हनुमान मंदिर के निकट होली का शुभारंभ बजरंगबली की बलिहारी गायन के साथ किया गया।

सप्त मातृका मंदिर मैया स्थान के निकट जगदंबा खेले फाग हो एवं शांति धाम गोरखाई नाथ संगमेश्वर मंदिर के पास सबलपुर में अयले हो बाबा गोरखाई हो नाथ के सम्मान में होली गीत प्रस्तुत किया गया।

होलिका दहन स्थल पर जाने के क्रम में रास्ते में चलते हुए ग्रामीण होली कलाकारों की टोली चुनरी लहेरिया हो बालम चुनरी लहेरिया चोलिया बूटीदार, बजवाया वीर जवाहर में, पातर गोरिया सुकुमार हो, केशिया संभाले जुड़वा बांध हे ननदियां, होली खेले अइहे मोर ननदोषिया और चलू देखे तमाशा हे गोरिया राधा नाचे ता थैया, बाबा भोले का दरबार होली धूम मचे, अहो फागुन है दिल रसके बोल बोल हो देवरवा हंस के, तोरा संग ना जयबो हो नंदलाल, मारे पिचकारी भींगाए मोर अंगिया गाते हुए पंचायत भवन प्रांगण स्थित होलिका दहन स्थल पर पहुंचकर होलिका दहन कार्यक्रम किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित जनों ने होलिका दहन के चारो ओर होली गीत गाते हुए परिक्रमा की। घरों से लाए गए बड़ी, बजका, जलावन, लकड़ी के टुकड़े आदि जल रही होलिका को सुपुर्द किया। दहन के बाद वापसी में होली गायकों की टोली घर जाने के रहिया बताद हरि, चहुं ओर नदिया रंग से भरी होली गीत का गायन करने के बाद टोली में शामिल सभी अपने -अपने घर के लिए प्रस्थान कर गए।

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