सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। झारखंड व् ओड़िशा प्रांत की सीमा में स्थित एशिया प्रसिद्ध साल जंगल सारंडा बीहड गांव कलिता में 26 मार्च को होली पर्व हर्ष के साथ मनाया गया।
जानकारी के अनुसार होली के पावन अवसर पर 30 बंदूकनुमा पिचकारी, अबीर एवं कई तरह का रंग लेकर जंगल में बच्चों के बीच होली मनाने समाजसेवी संतोष कुमार पंडा पहुंचे। सभी बच्चों को रंग अबीर लगाकर उन्होंने उनके साथ सुखद व आनन्द दायक ढंग से होली मनाया।
इस अवसर पर समाजसेवी पंडा द्वारा कई बच्चों को इकट्ठा कर बंदूकनुमा पिचकारी, अबीर, होली के अन्य रंग बाँटने पर देवतुल्य बच्चों में हर्ष दिखा। होली खेलने का सौभाग्य प्राप्त होने पर समाजसेवी पंडा आन्दित हो उठे।
मौके पर पंडा ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने यहां आकर देखा था कि छोटे-छोटे बच्चे वहां मिट्टी एवं चुला की राख से होली खेले थे। बच्चों ने कहा कि हम सभी पूर्व में मिट्टी से होली खेलते रहे थे। रंग से वे कभी नहीं होली खेल पाये थे।
सच्चाई यह कि समाजसेवी संतोष कुमार पंडा ने कई बच्चों को इकट्ठा कर बंदूकनुमा पिचकारी, अबीर, होली के अन्य रंग बांटने के साथ-साथ उपस्थित देवतुल्य बच्चों के साथ होली खेला। इस साल उन बच्चों के साथ होली खेलने को समाजसेवी पंडा सौभाग्य मान रहे हैं।
89 total views, 1 views today