ठेका कर्मियों के हित में बीएसएल से समझौता ऐतिहासिक-बीके चौधरी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जय झारखंड मजदूर समाज के बोकारो के सेक्टर नाइन स्थित कार्यालय में 12 जुलाई को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। उक्त समारोह मजदूरों के ऐतिहासिक समझौता और जीत के खुशी में ठेका कर्मियों द्वारा युनियन के महामंत्री सह नन एनजेसीएस संयोजक बी के चौधरी के सम्मान में आयोजित किया गया था।

इस अवसर पर उपस्थित तमाम जनों ने युनियन के महामंत्री सह नन एनजेसीएस संयोजक चौधरी को फूल माला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर जोरदार स्वागत किया।

इस अवसर पर युनियन के महामंत्री सह नन एनजेसीएस संयोजक बी के चौधरी ने कहा कि ठेका कर्मियों को ब्लड प्रेशर और शुगर के चलते 28 दिन के लिए काम से बैठाना, वेतन मे से ठेकेदार को वापस नहीं करने पर काम से निकालना, ईएसआई अस्पताल मे दवा नही मिलना, मास्टर रोल मे कम हाजरी देना, बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजरी बनाने, इस्पात कर्मियों के तरह साईकिल, केन्टीन, आदि।

रात्री पाली भत्ता देने, किसी भी कारण से हुए मौत पर इस्पात कर्मियों की तरह उनके आश्रित को नियोजन देने इत्यादि 9 सूत्री मांग पत्र के साथ उनके युनियन के तरफ से बीते 11 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल का नोटिस प्रबंधन को दिया गया था। उन्होंने कहा कि सेल के किसी भी प्लांट के साथ साथ बोकरो स्टील प्लांट के इतिहास मे पहली बार ठेका कर्मियों ने हड़ताल को शत प्रतिशत सफल कर अपने चीर परिचित मांगो को हांसिल करने के लिये चट्टानी एकता के साथ खड़ा रहे।

जिसे देखकर प्रबंधन ने घुटना टेकते हुए 9 जूलाई को सहायक श्रमायुक्त (केन्द्रीय) धनबाद मे हुए त्रिपक्षीय वार्ता मे निम्नलिखित बिन्दुवार हुए समझोते पर हस्ताक्षर किया, जिसमें ब्लड प्रेशर या ब्लड शुगर मे पहले 28 दिन के अनफिट किया गया था जो अब घटकर मात्र 7 दिन किया गया है।

ठेका मजदूरों को पहले दवा नही मिलता था जो अब ईएसआई अस्पताल मे दवा मिलेगा। अस्पताल में दवा नही रहने पर रिअम्बर्समेन्ट किया जायगा। बहुत जल्द बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजरी बनेगा। मिनिमम वेज, ईएल बोनस मांगे जाने पर जो मौखिक रूप से काम से निकाल दिया जाता था उसपर रोक लगाया गया है। अब लिखित कारण देना होगा। जिसपर प्रबंधन और युनियन समीक्षा करेगा कि लगाये गए आरोप सही है या गलत।

उन्होंने बताया कि शेष अन्य मांगो पर आगामी 16 जूलाई को पुनः धनबाद मे वार्ता किया जायेगा।उन्होंने बताया कि समझौता पत्र में सहायक श्रमायुक्त, युनियन की ओर से उनके अलावा साधु शरण गोप, देवदीप सिंह दिवाकर और हड़ताल का समर्थन करने वाले सीटू के संयुक्त महामंत्री बी डी प्रसाद द्वारा हस्ताक्षर किया गया है।

चौधरी ने कहा कि बावजूद इसके हमलोगों के उपर हड़ताल को वापस लिये जाने को मजदूरों के साथ धोखा और पीठ मे छूरा भोंपने जैसा शब्दों का उच्चारण अखबारो किया गया है जो काफी निंदनीय और शर्मनाक है।अगर निर्णय पर एतराज था तो धनबाद मे हीं हस्ताक्षर करने से मना कर सकते थे। इसके बावजूद इस तरह का अशोभनीय भाषा का प्रयोग क्यों किया गया यह उनके समझ से परे है।

समारोह के अन्त मे ठेका कर्मियों को इस एतिहासिक जीत का कारण बताते हुए चौधरी ने कहा कि आपने जिस तरह इस आन्दोलन में संख्या बल के साथ साथ अपनी चट्टानी एकता को प्रदर्शित किया। उसी का नतीजा है कि आपको ऐतिहासिक जीत बिना हड़ताल और हाजरी कटाये हुए मिला। शेष मांगो को हासिल करने के लिये भी इसी जोश और उत्साह बनाकर रखें।

सम्मान समारोह मे यूनियन के संयुक्त महामंत्री एन के सिंह, एस के सिंह, अनि कुमार, रौशन कुमार, आर आर सोरेन, रामा रवानी, ए के मंडल, अभिमन्यु मांझी, विमल रवानी, ए रवानी, जितेन्द्र कुमार सिंह, नासिर अहमद, राजेश कुमार, शुरेन्दर शर्मा, मुख्तार अंसारी, रामगोपाल ठाकुर, अभिषेक, बिनोद, राहुल, राजकुमार, मुनिलाल, हिरालाल आदि उपस्थित थे।

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