रिहाइसी क्षेत्रों में खतरनाक स्थिति में हाईटेंशन तार, जोखिम में जिंदगी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। झारखंड विद्युत विकास निगम लिमिटेड के बोकारो जिला के हद में कथारा में रिहाइसी इलाके में बीते एक साल से खतरनाक स्थिति में हाई टेंशन तार लटक रहा है। जिससे यहां के रहिवासियों की जिंदगी सांसत में बीत रहा है। विभागीय उदासीनता का हाल यह है कि लिखित शिकायत देने के एक साल बाद भी अबतक इसे ठीक नहीं किया जा सका है। जिससे यहां कभी भी किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार कथारा क्षेत्र के गैर सीसीएल क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने कोएक झारखंड सरकार का विद्युत विभाग द्वारा पूरे इलाके में तारों का जाल बिछाया गया है, जिनमें कई हाईटेंशन लाइन भी शामिल हैं। विभाग की माने तो कथारा के कई रहिवासियों ने इन हाई टेंशन तार के नीचे तक मकान बना लिए है। कहीं समय काल और भूमि परिवर्तन के कारण खतरनाक और जानलेवा तारें इंसानों के बिल्कुल करीब आ गए हैं। कई की बाउंड्रीवाल और छतें इन लाइनों के इंडक्शन मोड में आ गई हैं। इससे आमजनों पर जानलेवा खतरा मंडरा रहा है।

लो टेंशन (एलटी) भी ज्यादा खतरा नहीं होता है। ज्यादा खतरनाक 33 केवीए तथा 11 केवीए हाई टेंशन (एचटी) लाइनें होती हैं। इनके आसपास हाई फ्रिक्वेंसी और इंटेन्सिटी वाला करंट हादसे का कारण बनता है। बिजली वितरण के लिए कथारा स्थित जेवीविएनएल सब स्टेशन से क्षेत्र में चार तरह की लाइनें डाली गई हैं। इनमें 11 केवीए और एलटी लाइनें रहवासी क्षेत्रों में हैं। ज्यादातर बिजली के खंभे और उनमें लगी तारें पुरानी पद्धति की हैं, जिनमें लो-टेंशन लाइनों को भी अब तक केबल से बदला नहीं गया है। इससे मानव जीवन पर उक्त बिजली के तार मौत बनकर लटक रहे हैं। तमाम जगहों पर हाईटेंशन तार सड़क के बीच से क्रॉस हो रहे हैं। इसके बावजूद तारों की गार्डिंग (रक्षक पट्टी) नहीं लगाई गई है।

रहिवासियों के अनुसार कई कंपनियों ने कई स्थानों पर लाइनों को नियम के विपरीत एचटी लाइनों के ऊपर से डाल दिया है। इसके ढीला होने से एचटी लाइन के संपर्क में आने की संभावना बढ़ गया हैं, इससे हादसों का खतरा है। बताया जाता है कि बारिश के दौरान यहां कई स्थानों पर तार टूटने और खंभा गिरने की घटनाएं सामने आती हैं। दूसरा नेटवर्क पर पेड़ों की डालियां आने से भी तार और खंभे कमजोर हो रहे हैं। इसके कारण भी हादसे हो रहे हैं। 11 केवीए लाइनों के लिए सुरक्षित दूरी 1 से 2 मीटर होती है।

मेंटिनेंस के अभाव में झूलती हुई बिजली की तारें गर्मी के मौसम में तेज हवा चलने पर आग का कारण भी बनते हैं। तार ढीले होने के कारण हवा से स्पार्किंग होती है और आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस संबंध में ऑफिस कॉलोनी कथारा रहिवासी मो.शहाबुद्दीन ने बताया कि झारखंड सरकार के विद्युत विभाग का 11 केवीए का लाइन जो गुरुद्वारा से कथारा एक नंबर तक उनके घर के पीछे से गया है, काफी झूल गया है। हवा तेज चलने पर यहां स्पार्किंग होता रहता है।

जिसकी सूचना लिखित उन्होंने बीते वर्ष 2023 में संबंधित विभाग के कथारा कार्यालय को दी थी, अब तक कोई भी सुधार नहीं किया गया है। एक अन्य रहिवासी बताते है कि तार के झूलने से उनके घरों में रहने वाले बच्चे और औरतों पर जान का खतरा मंडराता रहता है। कई बार गोमिया कार्यालय में लिख कर देने के बाद भी कोई सुधार करने के लिए अबतक नहीं आया है।

विभागीय अधिकारी नरेन्द्र मिंज से 6 जनवरी को गोमिया स्थित कार्यालय में इस बावत पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि मेंटिनेंस कार्य के लिए आवश्यक मटेरियल उपलब्ध नहीं होने के कारण अब तक देरी हुई है। कहा कि आवश्यक स्थलों का सर्वे कर कार्यादेश हो गया है। जल्द ही सुधार कार्य पूरा किया जाएगा। इस दौरान किसी अनहोनी को लेकर पुछे गये सवाल पर अधिकारी मिंज चुप्पी साध लेते है।

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