एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड हाईकोर्ट ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (जेएसएससी सीजीएल) परीक्षा 2023 का परीक्षाफल प्रकाशन करने पर अगले आदेश तक रोक लगाने का आदेश संघर्षरत छात्रो के न्याय देने की दिशा मे राहत भरा कदम है।
उक्त बाते 17 दिसंबर को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही। नायक झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का परीक्षाफल प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा देने के आदेश पर प्रतिक्रिया मे कही। उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश का आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच तहे दिल से स्वागत करता है।
नायक ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश झारखंड के लाखो आदिवासी, मूलवासी छात्र, युवा, बेरोजगार नौजवानो के भविष्य में छाये अंधेरा में एक चिराग की रौशनी की तरह है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में 17 दिसंबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय (जेएसएससी सीजीएल) परीक्षा पेपर लीक मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग के लिए दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परीक्षाफल प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि जब तक कोर्ट आदेश नहीं देता, तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाए। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक होने के संबंध में दर्ज शिकायत पर परीक्षा संचालन अधिनियम 2023 के तहत पुलिस एफआईआर दर्ज करे और अनुसंधान कर रिपोर्ट दे जो एक महत्वपूर्ण आदेश है।
इस संबंध में नायक ने यह भी कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और मंच को आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि राज्य में लगातार आंदोलन कर रहे छात्र, युवा, नौजवान, बेरोजगार अभ्यर्थियों को राहत के साथ साथ संपूर्ण न्याय मिलेगा।
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