मकर संक्रांति को स्वर्ग के दरवाजे खुलते हैं और देवताओं का दिन आरंभ होता है-प्राचार्य
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में मकर संक्राति उत्सव को लेकर स्कूल के प्राचार्य डा मनोज कुमार की अध्यक्षता में हवन का आयोजन किया गया। यहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन कर जनकल्याण एवं समाज के उत्थान की कामना की गई।
इस अवसर पर विद्यालय के लगभग एक हजार बच्चों ने स्कूल के धर्म शिक्षक आशुतोष शास्त्री एवं राजवीर सिंह के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण कर देश के महापुरुषों को याद किया।
प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने बताया कि मकर संक्रांति को भारतीय ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं में बड़ा ही महत्व दिया गया है। कहते हैं इस दिन स्वर्ग के दरवाजे खुलते हैं और देवताओं का दिन आरंभ होता है। दरअसल ऐसी मान्यता है कि धरती लोक का एक साल देवलोक का एक दिन होता है। जब सूर्य उत्तरायण होते हैं तो दिन आरंभ होता है और जब सूर्य दक्षिणायन होते हैं तब रात।
प्राचार्य डॉ मनोज ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन ही पवित्र गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ था। महाभारत में पितामह भीष्म ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही स्वेच्छा से शरीर का परित्याग किया था। कारण कि उत्तरायण में देह छोड़ने वाली आत्माएँ या तो कुछ काल के लिए देवलोक में चली जाती हैं या पुनर्जन्म के चक्र से उन्हें छुटकारा मिल जाता है।
प्राचार्य ने कहा कि बच्चों की सफलता परीक्षा के नंबर से नहीं आंका जा सकता। अभिभावकों को उम्मीद से कम नंबर मिलने के बावजूद भी बच्चों को कठिन परिश्रम व मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने अपील की। उन्होंने बच्चों को तीन घंटे स्वाध्याय व रूटिंग के अनुसार अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया।
मौके पर स्कूल के शिक्षकों में अनन्त कुमार आध्याय, सत्येंद्र राय, शशि भूषण तिवारी, श्रवण कुमार पांडेय, नीलम सहाय, दीपा राय, एस के पांडेय, वी लता रानी, ज्योति सिन्हा, भास्कर चंद्र दास, जय मंगल साव व अन्य कई शामिल थे।
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